एंटी पेपर लीक कानून का मकसद प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक और नकल को रोकना है
कानून के तहत पेपर लीक करने पर 10 साल तक की कैद और एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है
नई दिल्ली। नीट पेपर लीक और फिर यूजीसी नेट परीक्षा के कैंसिल होने को लेकर पूरे देश मे बवाल मचा हुआ है। स्टूडेंट्स के साथ ही पैरेंट्स में भी इन मुद्दों को लेकर आक्रोश है। इस बीच सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए पेपर लीक को रोकने के लिए एक कड़े कानून को लागू कर दिया है। केंद्र सरकार ने ‘लोक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2024’ अधिसूचित किया है। इस एंटी पेपर लीक कानून का मकसद प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक और नकल को रोकना है। कहा जा रहा है कि यह कानून देश में शिक्षा प्रणाली की शुचिता और पारदर्शिता को बनाए रखने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
21 जून की रात से देशभर में लागू कर दिया गया यह कानून
केंद्र सरकार ने इसी साल फरवरी में पारित
हुए कानून को 21 जून की रात से देशभर में लागू कर दिया है। इस अधिनियम के तहत अपराधियों के लिए अधिकतम 10 साल की जेल की सजा और एक करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है। परीक्षा अधिनियम को ऐसे में लागू किया गया है, जब इसे लेकर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से सवाल किया गया था कि इसे कब लागू किया जाएगा। शिक्षा मंत्री ने कहा था मंत्रालय नियम बना रहा है।
कानून के दायरे में कौन-कौन सी परीक्षा?
UPSC, SSC, RRB (रेलवे भर्ती बोर्ड), IBPS बैंकिंग से जुड़े एग्जाम, NTA (नेशनल टेस्टिंग एजेंसी)। इसके अलावा इस कानून के दायरे में केंद्र के सभी मंत्रालयों, विभागों की भर्ती परीक्षाएं भी शामिल होंगी। इसके तहत सभी अपराध गैर-जमानती होंगे।
क्या नीट और नेट परीक्षा में गड़बड़ी करने वालों पर लगेगा यह कानून?
इस कानून के बाद अब सबसे बड़ा और अहम सवाल ये है कि क्या ये कानून नीट और नेट परीक्षा में गड़बड़ी करने वालों पर लगेगा? इसका जवाब है नहीं। क्यों नहीं लगेगा, आइए समझाते हैं। यह कानून नीट और यूजीसी नेट परीक्षा के चिटबाजों पर इसलिए लागू नहीं होगा क्योंकि यह घटना 21 जून से पहले थी। यानी 21 जून से पहले की घटनाओं पर यह कानून पूर्वव्यापी रूप से लागू नहीं होगा।