ट्रांसपोर्टर्स ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं, तो वे व्यापक हड़ताल पर जाएंगे
मंत्री, मुख्यमंत्री से आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला-ट्रांसपोर्टर्स
भोपाल। मध्यप्रदेश में परिवहन विभाग के चैकपोस्ट बंद कराने की मांग को लेकर ट्रांसपोर्टर्स ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। ट्रांसपोर्टर्स ने मांग की है कि इन चेकपोस्टों को बंद किया जाए और ट्रांसपोर्टर्स को इस असंवेदनशील वसूली से मुक्त किया जाए।
बीते डेढ़ साल में दो बार परिवहन विभाग इसके लिए लिखित निर्देश जारी कर चुका है। परिवहन मंत्री रहे गोविंद सिंह राजपूत के बाद परिवहन मंत्री राव उदय प्रताप सिंह भी बंद करने के बयान दे चुके हैं। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने भी चैकपोस्ट बंद करने के निर्देश दिए थे, फिर भी ये चल रहे हैं। लेकिन अभी तक ट्रांसपोर्टर्स की समस्याओं का समाधान नहीं हुआ है। ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट एसेसिएशन के मप्र प्रभारी हरीश डावर का कहना है कि इसके बाद भी चैकपोस्ट बंद नहीं होते हैं, तो सभी ट्रांसपोर्टर हड़ताल करेंगे।
हरीश डावर के मुताबिक प्रदेश में रोज करीब 50 हजार ट्रांसपोर्ट वाहन गुजरते हैं। प्रत्येक से 1800 से 2 हजार रु. तक की वसूली की जाती है। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हमें कभी भी मुलाकात का समय नहीं दिया, मुख्यमंत्री मोहन यादव से आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला।
इंदौर ट्रक ऑपरेटर एंड ट्रांसपोर्टर्स एसोसिएशन के पदाधिकारी ने बताया कि मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने अप्रैल 2023 में कहा था कि गुजरात मॉडल लागू होने तक प्रदेश में सभी 39 चैकपोस्ट बंद कर दिए जाएंगे। गुजरात की तरह आधुनिक पीओएस मशीन से चालानी कार्रवाई की जाएगी तथा चालान की राशि ऑनलाइन जमा होगी। इसके बाद परिवहन मंत्री राव उदय प्रताप सिंह ने फरवरी 2024 में घोषणा की थी कि जल्द गुजरात मॉडल लागू होगा लेकिन अभी तक स्थिति वही है। उन्होंने आगे बताया कि वर्तमान में प्रदेश में 39 चैकपोस्ट हैं। इनसे रोज 50 हजार वाहन गुजरते हैं। एक वाहन से ही औसतन 1800 से 2000 हजार रुपए लिए जाते हैं। हमने आरटीआई में 13 साल में आरटीओ को चैकपोस्ट से हुई कमाई की जानकारी मांगी है, लेकिन जवाब नहीं मिला।
पीएम मोदी को लिखे गए पत्र में क्या है?
ट्रांसपोर्टर्स ने अपने पत्र में लिखा है कि आरटीओ चेकपोस्ट पर वाहनों को बेवजह रोककर दस्तावेजों की जांच की जाती है और फिर जुर्माना लगाया जाता है। इन चेकपोस्टों की वजह से ट्रांसपोर्टेशन की लागत बढ़ रही है और व्यापार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। ट्रांसपोर्टर्स का कहना है कि इस वसूली प्रणाली से उनका आर्थिक बोझ बढ़ रहा है और उनका काम प्रभावित हो रहा है। उन्होंने मांग की है कि इन चेकपोस्टों को बंद किया जाए और ट्रांसपोर्टर्स को इस असंवेदनशील वसूली से मुक्त किया जाए। ट्रांसपोर्टर्स ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं, तो वे व्यापक हड़ताल पर जाएंगे, जिससे यातायात व्यवस्था और माल ढुलाई पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा।