धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि नीट परीक्षा में कुछ स्थानों से विसंगतियां सामने आई हैं, जो भी दोषी पाए जाएंगे, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा
नई दिल्ली। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने नीट परीक्षा के दौरान गड़बड़ी की बात स्वीकार की है। उन्होंने कहा कि नीट परीक्षा में कुछ स्थानों से विसंगतियां सामने आई हैं। गड़बड़ी में जो भी दोषी पाए जाएंगे, फिर चाहे वह नेशनल टेस्टिंग एजेंसी भी हो, उसको भी बख्शा नहीं जाएगा। सरकार विसंगतियों के सुधार का कार्य कर रही है।
धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि नीट में कुछ विसंगतियां ध्यान में आई हैं। सरकार उसके सुधार के काम में लगी है। जहां-जहां इस प्रकार की गड़बड़ियों की सूचना पुख्ता जानकारी के साथ मिल रही है, उस पर कोर्ट की निगरानी में कार्रवाई की जा रही है। नीट जैसी महत्वपूर्ण परीक्षा शत-प्रतिशत पारदर्शी हो, सरकार उसके लिए प्रतिबद्ध है।
सुप्रीम कोर्ट इस विषय पर नजर रखे हुए है
केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने आगे कहा कि मैं सभी छात्रों को आश्वस्त करते हुए फिर एक बार कहना चाहता हूं कि यह विषय कोर्ट की नजर में है। सुप्रीम कोर्ट खुद एक प्रकार से इस पर नजर रखे हुए है। हम कुछ भी गड़बड़ी नहीं होने देंगे और जो भी लोग इसके लिए जिम्मेदार हैं, उनको दोषी ठहराया जाएगा, उन पर कार्रवाई भी होगी।
कई राजनीतिक दलों ने लगाया गड़बड़ी का आरोप
नीट एग्जाम को लेकर कई राजनीतिक दलों ने गड़बड़ी का आरोप लगाया है।
कांग्रेस समेत कई राजनीतिक दल, छात्र संगठन एमबीबीएस जैसे मेडिकल पाठ्यक्रमों के लिए होने वाली नीट में गड़बड़ी का आरोप लगा रहे हैं। कांग्रेस ने नीट का पर्चा लीक होने का आरोप लगाया है। इसको लेकर स्वतंत्र फॉरेंसिक जांच की मांग की गई है।
कांग्रेस ने की जांच की मांग
कांग्रेस का कहना है कि शिक्षा मंत्री को नीट घोटाले में सर्वोच्च न्यायालय की निगरानी में स्वतंत्र फॉरेंसिक जांच का आदेश देना चाहिए। जिन केंद्रों पर बड़े हाई स्कोरर हैं, उनके वीडियो जारी किए जाने चाहिए। इससे घोटाले की पहचान हो सकेगी। पता लग सकेगा की परीक्षा के बाद या एनटीए कार्यालय में ओएमआर भरा गया था या अन्य कोई गड़बड़ी हुई थी।
शिक्षामंत्री ने पहले नकार दिया था
शिक्षामंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पहले एनटीए का पक्ष लेते हुए पेपर लीक की बात को नकार दिया था। उन्होंने कहा था, पेपर लीक के आरोपों को साबित करने के कोई ठोस सबूत नहीं हैं। परीक्षा 4,500 से ज्यादा केंद्रों पर आयोजित की गई। उनमें से सिर्फ छह परीक्षा केंद्रों पर गलत प्रश्न पत्र बंटने की सूचना मिली थी। ऐसे में सिर्फ छह केंद्रों के कारण हम पूरी परीक्षा प्रणाली की विश्वसनीयता पर सवाल नहीं उठा सकते।