पुणे एक्सीडेंट पर कुमार विश्वास का तंज- हे ईश्वर! यह बेचारा मासूम बच्चा, पेटभर दारू गटक कर,दो नौजवानों की हत्या करने के बाद इस भयानक सजा को कैसे भुगतेगा?

सजा यह कि- सड़क हादसों के प्रभाव और उनके समाधान पर 300 शब्दों का निबंध लिखना होगा

नाबालिग की कार से एक्सीडेंट में दो युवाओं की गई जान, युवक और युवती मध्यप्रदेश के निवासी

नई दिल्ली। महाराष्ट्र के पुणे में रविवार 19 मई को तेज रफ्तार पोर्श कार की टक्कर से दो लोगों की जान चली गई थी। इस केस में आरोपी नाबालिग है और उसे कोर्ट की तरफ से जमानत मिल गई है। कार द्वारा बाइक को टक्कर मारने के बाद चालक भाग रहा था लेकिन एयरबैग खुल गए। वह सड़क नहीं देख सका और कार खड़ी कर दी। स्थानीय लोगों ने उसे पकड़ लिया। कार में ड्राइवर के अलावा दो लोग सवार थे। उनमें से एक भाग निकला। भीड़ ने अन्य दो की पिटाई की।

दोस्तों के साथ पब से लौट रहा था नाबालिग

नाबालिग अपने दोस्तों के साथ एक पब से लौट रहा था, जहां वे 12वीं कक्षा की परीक्षा पास करने का जश्न मनाने के लिए पार्टी कर रहे थे। ये सभी नशे में थे। पुणे शहर के पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने एक बयान में कहा था कि इस दुर्घटना के मामले में आरोपी के पिता और किशोर/अभियुक्त को शराब परोसने वाले बार के खिलाफ किशोर न्याय अधिनियम की धारा 75 और 77 के तहत कार्रवाई की जा रही है। वहीं, अब आरोपी के पिता को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पब के मालिक और मैनेजर को भी अरेस्ट कर लिया गया है।

जान गंवाने वाले युवक-युवती के परिजन पर टूट गम का पहाड़

पुणे हादसे में जान गवां चुके दो युवाओं के परिवार अब बिखर चुके हैं। किसी की इकलौती बेटी चली गई तो किसी का बेटा। एक्सीडेंट में जान गंवाने वाले युवक अनीश अवधिया मध्य प्रदेश के उमरिया जिले के बिरसिंहपुर और युवती अश्वनी कोष्टा जबलपुर की रहने वाली थी। पुलिस की कार्रवाई और फिर कोर्ट से आरोपी को मिली जमानत के बाद पीड़ित परिवार गम में भी है और गुस्से में भी है। अश्विनी कोष्टा के पिता सुरेश कोष्टा ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए, ताकि लोगों को इससे सबक मिले।

कुमार विश्वास ने कसा तंज

रोड एक्सीडेंट पर कुमार विश्वास ने अपने अंदाज में तंज कसते हुए कहा- बार में दारू गटकते हुए वीडियो होने के बाद भी पुलिस व मेडिकल जाँच में युवक के खून में अलकोहल नहीं मिला? रईसज़ादे को ज़मानत सादर भेंट करने के लिए रविवार के दिन माननीय कोर्ट भी खुल गया? दो होनहार युवाओं को अपने रईस बिल्डर बाप की करोड़ों की गाड़ी से दो सौ की स्पीड से कुचलकर मार देने पर माननीय न्यायाधीश जी ने इस रईसज़ादे को यह भीषण सजा सुना दी है- “रईस बाप का यह बिगड़ैल अपराधी बेटा दो निरपराध युवाओं की हत्या की सजा के रुप में तीन सौ शब्दों का निबंध लिखे।” हे ईश्वर। यह बेचारा मासूम बच्चा, पेटभर दारू गटक कर, दो सौ की बेलगाम स्पीड पर चार करोड़ की गाड़ी व्यस्त सड़क पर दौड़ाकर, दो नौजवानों की हत्या करने के बाद इस भयानक सजा को कैसे भुगतेगा? ज़रा दया नहीं आई।

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