पुणे पुस्तक महोत्सव 14 से 22 दिसंबर तक आयोजित किया गया था
महोत्सव को सोशल मीडिया पर भी 1 करोड़ से अधिक लोगों ने ऑनलाइन देखा
पुणे। राष्ट्रीय पुस्तक न्यास द्वारा फर्ग्यूसन कॉलेज मैदान में आयोजित पुणे पुस्तक महोत्सव का समापन रविवार को हुआ। यह महोत्सव 14 से 22 दिसंबर तक आयोजित किया गया था। पुणेकरों ने भारी उत्साह दिखाते हुए 700 स्टॉलों के तीन हॉल से लाखों पुस्तकें खरीदीं। इसके अलावा, पुणे बाल चित्रपट महोत्सव, बच्चों के लिए विभिन्न कार्यशालाएं, सांस्कृतिक कार्यक्रम और पुणे लिट फेस्ट को भी जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली।
पढ़ने की संस्कृति को मजबूत करने के उद्देश्य से शुरू हुए पुणे पुस्तक महोत्सव ने इतिहास रच दिया है। इस साल के महोत्सव में 10 लाख से अधिक नागरिकों ने भागलिया। इन नागरिकों ने 25 लाख से अधिक पुस्तकें खरीदीं, जिससे 40 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार हुआ। यह कारोबार पिछले साल की तुलना में चार गुना अधिक है।
पुणे पुस्तक महोत्सव के मुख्य संयोजक राजेश पांडे ने बताया कि पिछले साल 4.5 लाख नागरिकों ने इस महोत्सव में भाग लिया था, जिससे 11 करोड़ रुपये की पुस्तकों की बिक्री हुई थी लेकिन इस साल यह आंकड़ा 40 करोड़ रुपये के पार पहुंच गया। इस बार महोत्सव को चार गुना अधिक प्रतिक्रिया मिली। महोत्सव में भाग लेने वालों की संख्या ने 10 लाख का आंकड़ा पार कर लिया,जिसमें 50% युवा और 25% बच्चे शामिल थे। यह एक सकारात्मक संकेत है। 1.5 लाख स्कूली विद्यार्थी और उतने ही कॉलेज के छात्र इसमें शामिल हुए। पुस्तक प्रेमियों ने 25 लाख से अधिक पुस्तकें खरीदीं, जिससे यह सिद्ध होता है कि लोग पढ़ने के लिए किताबें खरीदते हैं। महोत्सव को सोशल मीडिया पर भी भारी समर्थन मिला। 1 करोड़ से अधिक लोगों ने ऑनलाइन कार्यक्रमों का आनंद लिया।
इस पुस्तक महोत्सव में 100 से अधिक नई पुस्तकों का विमोचन किया गया। लगभग 1,000 लेखकों ने कार्यक्रम में भाग लिया। 25 से अधिक नृत्य, नाटक और संगीत कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिसे 2 लाख से अधिक लोगों ने देखा।