सारिका गुरु ने मंदिर समिति से आरटीआई के तहत पूछा था कि पुरोहित और कर्मचारियों की नियुक्ति किस आधार पर की गई
महाकाल मंदिर में पुरोहित और मंदिर समिति के 306 कर्मचारियों की नियुक्ति को लेकर लगाई गई थी याचिका
महाकाल मंदिर में पुरोहित और मंदिर समिति के 306 कर्मचारियों की नियुक्ति को लेकर याचिका लगाई गई थी। सारिका गुरु ने मंदिर समिति से आरटीआई के तहत पूछा था कि पुरोहित और कर्मचारियों की नियुक्ति किस आधार पर की गई। इस पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने महाकाल मंदिर समिति के प्रशासक, सहायक प्रशासक और राज्य सूचना आयुक्त को नोटिस जारी करने के निर्देश देते हुए 8 हफ्ते में जवाब मांगा है।
याचिकाकर्ता ने आरटीआई के तहत महाकाल मंदिर समिति से जानकारी मांगी थी। यहां से जानकारी नहीं मिलने पर राज्य सूचना आयुक्त से जानकारी चाही गई। यहां भी जानकारी नहीं मिलने के बाद याचिकाकर्ता ने 12 नवंबर 2024 को इंदौर हाईकोर्ट की शरण ली थी। 3 दिसंबर को याचिका स्वीकार करने के साथ ही हाईकोर्ट ने संबंधित लोगों को नोटिस जारी किए हैं।
उज्जैन की सारिका गुरु द्वारा लगाई गई याचिका में कहा गया है कि मंदिर समिति से मंदिर परिसर के 40 मंदिरों में पुरोहित और महाकाल मंदिर में 300 से अधिक कर्मचारियों की नियुक्ति के मामले में जानकारी चाही गई थी। सारिका गुरु ने मंदिर समिति से जनवरी 2022 में सूचना के अधिकार के तहत पूछा था कि पुरोहित और कर्मचारियों की नियुक्ति किस आधार पर की गई। इसके लिए क्या मापदंड तय किए गए। किस पेपर में विज्ञप्ति निकाली गई। सभी की नियुक्ति संबंधी दस्तावेज मांगे गए थे। लेकिन मंदिर समिति ने गोपनीय दस्तावेज का हवाला देकर किसी भी प्रकार के दस्तावेज देने से इनकार कर दिया। इसके बाद सारिका गुरु ने 7 फरवरी 2023 को राज्य सूचना आयोग में अपील की।