कमला हैरिस को हराकर डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर से अमेरिका में अपनी सरकार बनाने में कामयाब रहे हैं। 6 नवंबर को अमेरीकी जनता ने डोनाल्ड ट्रंप को अपने राष्ट्रपति के रूप में चुना। यह चुनाव सिर्फ अमेरिका ही नहीं बल्कि भारतीय अर्थव्यवस्था पर भी गहरा प्रभाव डालेगा। कुछ एक्सपर्ट्स ट्रंप की जीत को भारत के लिए फायदेमंद बता रहे हैं, वहीं कुछ एक्सपर्टस का कहना है कि यह जीत भारत के लिए नुकसानदायक साबित हो सकती है।
शेयर मार्केट में आएगी तेजी
इकोनॉमिक टाइम्स के अनुसार एमके ग्लोबल के विश्लेषण के आकलन कहते हैं कि ट्रंप की जीत से भारतीय शेयर मार्केट में तेजी देखी जा सकती है। बुधवार को इसका असर शेयर मार्केट पर दिखाई भी दिया। विदेशी पोर्टफोलियो निवेश की स्थिति में सुधार और पूंजी प्रभाव में वृद्धि की संभावनाएं बढ़ने की आशा की जा रही है।
ऑयल सेक्टर को मिलेगा फायदा
एक्सपर्टस के अनुसार ट्रंप की जीत से सबसे ज्यादा फायदा भारतीय एक्सपोर्ट सेक्टर को होगा। चाइना के प्रोडक्ट्स पर हाय टैरिफ होने से ऑटो पार्ट्स, सौर उपकरण और केमिकल प्रोडक्शन जैसे क्षेत्र के लिए अमेरिका की निर्भरता भारतीय निर्यातों पर बढ़ेगी। इसके साथ ही ट्रंप की जीत से ग्रीन एनर्जी पॉलिसी और चीन की धीमी इकोनामिक ग्रोथ के कारण ऊर्जा लागत कम हो सकती है इससे एचपीसीएल, बीपीसीएल, आइओसी जैसी भारतीय तेल कंपनी और आईजीएल और एमजीएल जैसी गैस डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों को फायदा हो सकता है।
मजबूत होगा भारतीय रक्षा क्षेत्र
ट्रंप की जीत भारत के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर और डिफेंस सेक्टर के लिए भी महत्वपूर्ण हो सकती है। अमेरिकी मैन्युफैक्चरिंग और सैन्य क्षमताओं को मजबूत करने पर उनका ध्यान भारत डायनामिक्स और हाल जैसी भारतीय रक्षा कंपनियों के लिए बेहतर हो सकता है। ट्रंप चीन का विरोध भी करते हैं। उन्होंने अपने पहले कार्यकाल में भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान और अमेरिका के क्वॉड ग्रुप को मजबूत करने में भी काफी रुचि दिखाई थी। उनके कार्यकाल के दौरान भारत और अमेरिका के बीच कई बड़े रक्षा समझौते भी हुए थे। उम्मीद है कि उनकी जीत भारत के रक्षा क्षेत्र को और मजबूत करेगी।
भारतीय व्यापार के लिए समस्या बन सकती है यह जीत
ट्रंप की जीत से सबसे बड़ा नुकसान भारत की व्यापार और माइग्रेशन नीतियों को हो सकता है। ट्रंप ने अपने पहले शासन काल में भारत के तरजीह व्यापार वाले देश के दर्जे को खत्म कर दिया था। इसके साथ ही उन्होंने चीन के खिलाफ टैरिफ युद्ध शुरू करने की धमकी भी दी है। भारत को टैरिफ का दुरुपयोग करने वाला देश बताया है। ट्रंप ने भारत और चीन के साथ ही कई दूसरे देशों के आयात पर टैरिफ भी लगाया था।
एच1बी वीजा पर काम करने वालों के लिए होगी मुश्किल
ट्रंप की सरकार बनने से भारत के प्रवासियों को परेशानी हो सकती है। प्रवासियों को लेकर डोनाल्ड ट्रंप का रुख हमेशा सख्त रहा है। उन्होंने अवैध प्रवासियों को वापस उनके देश भेजने का वादा किया है। वह आरोप लगाते रहे हैं कि अवैध प्रवासी अमेरिका के वासियों के लिए रोजगार के अवसर कम कर रहे हैं ऐसे में अमेरिका में काम कर रहे भारतीयों के लिए समस्या खड़ी हो सकती है। वहां के अधिकतर भारतीय एच1बी वीजा पर काम करने जाते हैं। अगर ट्रंप ने इस पर सख्ती दिखाई तो भारतीयों को इसके परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।
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