राम नाम के प्रकाश और उनकी विजय का उत्सव है ‘दीपोत्सव’

500 साल बाद अयोध्या में राम के पुनरागमन से विशेष होगी इस वर्ष की दीपावली, घर-घर में गूंजेगी राम नाम की धुन

धर्म के विजयोत्सव, श्रीराम के अयोध्या पुरागमन और मां लक्ष्मी की आराधना का पर्व है ‘दीपावली’। इस वर्ष की दिवाली सबसे विशेष है क्योंकि 500 साल बाद श्री राम अयोध्या में विराजित होकर अपने भक्तों पर आशीर्वाद की वर्षा करेंगे। अयोध्या नगरी के साथ सभी देशवासी उनके स्वागत के लिए उत्सुक है। जिस तरह त्रेतायुग में अयोध्यावासियों ने दीप जलाकर भगवान राम का स्वागत किया उसी तरह कलयुग में देश का हर कोना राम नाम की ज्योत से जगमगाएगा और हर व्यक्ति दोगुने उत्साह से दीपावली का त्योहार मनाएगा।

हर ओर होता है सत्य का प्रकाश

दीपावली का त्योहार 14 साल के वनवास और रावण वध के बाद श्री राम के अयोध्या आगमन की ख़ुशी के साथ ही असत्य पर सत्य की विजय के रूप में भी मनाया जाता है। असत्य रूपी रावण पर सत्य और धर्म के अवतार राजा राम की जीत सन्देश देती है कि ढृढ़ निश्चय और विवेक से जीवन की हर बुराई को दूर किया जा सकता है।

रिश्तों की दूरियां मिटाती है दिवाली

प्रकाश के उत्सव के साथ ही दिवाली हमें रिश्तों का उत्सव मनाने का भी अवसर देती है। अपनों से दूर विदेश रह रहे परदेसी भी दिवाली पर अपनों के पास लौटते हैं और खुशी और उत्साह से दीपोत्सव का त्योहार मनाते हैं। यह मौका है कुछ समय अपनों के साथ बैठकर मीठी यादे संजोने का, पिछले सभी गीले शिकवों को भूलकर खुशियां मनाने और त्योहार के जोश को दोगुना करने का।

दूसरों के साथ भी बांटे खुशियां

दीपावली पर हर घर के बाहर खुशियों का उजाला होता है लेकिन हमारे आस-पास कई ऐसे घर होते हैं जो आर्थिक मुश्किलों के चलते उत्साह से दिवाली नहीं मना पाते हैं। ऐसे में यह हमारी जिम्मेदारी बनती है कि उनकी दिवाली को रोशन करके उन्हें त्योहार में शामिल करें। इससे उन्हें तो खुशी होगी आपकी खुशियां भी दोगुनी हो जाएगी। आइए इस दिवाली कोशिश करें कि हर एक व्यक्ति इस रोशनी के पर्व के उत्सव में शामिल हो और सभी की दिवाली शुभ हो।

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