उमर अब्दुल्ला गुरुवार को सर्वसम्मति से नेशनल कॉन्फ्रेंस विधायक दल के नेता चुन लिए गए हैं। औपचारिकता के बाद अब वे जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री होंगे। जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में जीतकर आए सात निर्दलीय विधायकों में से चार ने नेशनल कॉन्फ्रेंस को समर्थन देने का फैसला किया है। इसके बाद उमर अब्दुल्ला की पार्टी ने बिना कांग्रेस की मदद के बहुमत का आंकड़ा हासिल कर लिया है। हालांकि, कांग्रेस गठबंधन का हिस्सा है और सरकार में भी शामिल रहेगी।
उमर अब्दुल्ला 2009 से 2015 तक जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री रह चुके हैं
नेशनल कॉन्फ्रेस के उपाध्यक्ष और अब पार्टी नायक दल के नेता चुने गए उमर अब्दुल्ला आखिरी बार 2009 से 2015 तक जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। उन्होंने गंधरबल और बडगाम सीट से विधानसभा चुनाव लड़ा था। वह दोनों सीटों से चुनाव जीतने में कामयाब हुए है। जबकि लोकसभा का चुनाव इसी क्षेत्र से वे हार गए थे।
नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस गठबंधन को मिली 48 सीटें
जम्मू-कश्मीर के नतीजों में नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस गठबंधन को 48 सीटें मिली थीं। इसमें से नेशनल कॉन्फ्रेंस को 42, कांग्रेस को छह सीटें थीं। अब चार विधायकों के साथ आने के बाद एनसी को अकेले दम पर बहुमत मिल गया है। वहीं, बीजेपी ने जम्मू रीजन में शानदार प्रदर्शन करते हुए जम्मू कश्मीर में 29 सीटें हासिल कीं। पीडीपी को तीन और जेपीसी को एक सीट पर विजयी मिली है। वहीं, सात निर्दलीय विधायक चुनकर आए हैं। इसके अलावा, एक विधायक आम आदमी पार्टी का भी बना है।