पहले मंत्री ने कहा था- अतिथि शिक्षकों का नीयमितीकरण किस आधार पर होना चाहिए। उनका नाम ही अतिथि है
अब मंत्री ने कहा – अतिथि शिक्षक हमारे अपने हैं। मेरे बयान से किसी को पीड़ा हुई तो उसके लिए मैं खेद व्यक्त करता हूं
स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह के बयान से अतिथि शिक्षक और विपक्ष था आक्रोशित
मध्य प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह ने अतिथि शिक्षकों पर दिए अपने बयान पर अब खेद जताया है। दो दिन पहले उन्होंने अतिथि शिक्षकों को मेहमान बताया था। अब माफी मांगते हुए उन्होंने कहा कि अतिथि शिक्षक हमारे अपने हैं। मेरे बयान से किसी को पीड़ा हुई तो उसके लिए मैं खेद व्यक्त करता हूं।
मंत्री उदय प्रताप सिंह ने यह भी कहा कि अपनों के बीच में किसी प्रकार विसंगति नहीं होनी चाहिए। जब हमनें उन्हें प्राथमिकता के क्रम में रखा है, उनकी पेचीदगी को दूर करने में लगे हैं, इससे ज्यादा विभाग क्या कर सकता है। बीच- बीच में वे निकल जाते थे। हमने वित्त विभाग को भेजा कि उनसे पूरा साल काम लिया जाए। बीच में जाने से रोजगार की समस्या होती है।
बता दें कि स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा था कि अतिथि शिक्षकों का नीयमितीकरण किस आधार पर होना चाहिए। उनका नाम ही अतिथि है। आप मेहमान बनकर आओगे तो घर कब्जा कर लोगे क्या?
स्कूल शिक्षा मंत्री के इस बयान पर विपक्षी नेताओं ने भी नाराजगी जताई। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी, पूर्व मंत्री पीसी शर्मा, कुणाल चौधरी समेत अन्य नेताओं ने इसे अतिथि शिक्षकों का अपमान बताते हुए शिक्षा मंत्री पर माफी मांगने का दबाव बनाया था। अतिथि शिक्षक भी स्कूल शिक्षा मंत्री के बयान से आक्रोशित थे।
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