मार्च के बाद से ही रिक्त है राज्य सूचना आयुक्त का पद, नहीं हो पा रही, सूचना अधिकार के अपील की कार्यवाही

आरटीआई के तहत जानकारियां नहीं मिलने पर लोग हो रहे हैं परेशान

राज्य सूचना आयुक्त की नियुक्ति को लेकर हाईकोर्ट ने सरकार से 3 हफ्ते में जवाब मांगा है

जबलपुर। मध्य प्रदेश में मार्च के बाद से ही राज्य सूचना आयुक्त का पद रिक्त है। इसके पहले राहुल सिंह मध्य प्रदेश के मुख्य सूचना आयुक्त थे। रिक्त पद के कारण सूचना अधिकार की अपील की कार्यवाही नहीं हो पा रही है। इसी को लेकर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी जिसमें राज्य सूचना आयुक्त की नियुक्ति को लेकर हाईकोर्ट ने सरकार से 3 हफ्ते में जवाब मांगा है।

5 माह से खाली है राज्य सूचना आयुक्त का पद

मध्य प्रदेश राज्य सूचना आयुक्त का पद पिछले 5 माह से खाली है। लंबे समय से यह पद खाली होने से लोगों को आरटीआई के तहत जानकारियां नहीं मिलने पर वे अपील की कार्यवाही नहीं कर पा रहे हैं। इस प्रक्रिया में यह हो रहा है कि अधिकतर लोग परेशान हो रहे हैं। इसे लेकर एडवोकेट विशाल बघेल ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर लिखा कि- मप्र में सूचना आयोग ठप्प होने पर जबलपुर हाई कोर्ट ने मप्र सरकार को नोटिस जारी करके जवाब तलब किया है। मुख्य सूचना आयुक्त सहित सूचना आयुक्तों के सभी 10 पद रिक्त होने पर से पिछले 5 माह से RTI अपीलों की सुनवाई सूचना आयोग में बंद है। अगली सुनवाई 23 सितंबर को होगी।

एडवोकेट विशाल बघेल ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में एडवोकेट विशाल बघेल ने एक याचिका पेश की थी, जिसमें उन्होंने बताया कि जबलपुर में 2 साल पहले एक अस्पताल में आग लग गई थी। इसके बाद जिला प्रशासन ने अस्पतालों के फायर ऑडिट करवाए थे और कुछ अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई भी की थी। एडवोकेट विशाल बघेल ने इसी कार्रवाई की जानकारी सूचना के अधिकार में जिला प्रशासन से मांगी थी लेकिन जिला प्रशासन ने विशाल बघेल को यह जानकारी नहीं दी। इसलिए उन्होंने इस आरटीआई के लिए जिला प्रशासन में प्रथम अपील की इसके बाद भी इन्हें जानकारी नहीं मिली, जब वे द्वितीय अपील के लिए आगे बढ़े तो पता चला कि प्रदेश में मुख्य सूचना आयुक्त नहीं है इसलिए दूसरी अपील की सुनवाई नहीं हो सकती। इसी समस्या के समाधान के लिए विशाल बघेल ने प्रदेश हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

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