अवैध अतिक्रमण से जलजमाव की स्थिति बन जाती है, बारिश में भर जाती है शहर की सड़कें
कलेक्टर बोले- जिन लोगों ने नाले पर कब्जा कर दुकानें लगा ली हैं, उन पर बहुत जल्द कार्रवाई होगी
इंदौर। देश के सबसे स्वच्छ शहर की कई सड़कें और नाले अभी भी अतिक्रमण की चपेट में हैं। कई अतिक्रमणकारियों के हौसले बुलंद हो चुके हैं। इन्हें शासन और नियमों की भी कोई परवाह नहीं है। लेकिन शहर का प्रशासन अब एक बड़ी कार्रवाई के मूड में नज़र आ रहा है। खबर है कि खजराना से वेलोसिटी होते हुए भमोरी तक नाले को पूरी तरह पैक कर ऊपर दुकानें बना ली गई हैं। 100-100 फीट पर चैंबर भी हैं, लेकिन उन्हें भी सीमेंट से ऐसे पैक कर दिया है कि ढक्कन भी न खुले। इतनी बारिश के बाद भी नाले में पानी नहीं है, क्योंकि चैंबर से जल निकासी पूरी तरह बंद है। यहां 30 से ज्यादा अतिक्रमण हैं। यही कारण है कि रिंग रोड पर रेडिसन चौराहा, एमआर-9, चंद्र नगर का पानी बीआरटीएस पर आता है। नालों पर अवैध अतिक्रमण के कारण हर बारिश में शहर में जलजमाव हो जाता है।
एसडीएम घनश्याम धनगर ने बताया कि शहर की दोनों नदियों कान्ह-सरस्वती किनारे ही 1500 तो कच्चे मकान बन चुके हैं। कुल अवैध निर्माण, कब्जे ढाई हजार से ज्यादा हैं। जिन सड़कों के मुहाने नालों के पास है, वहां सीधे पाइप डालेंगे। एलआईजी गुरुद्वारे के सामने, नौलखा स्थित इंदिरा प्रतिमा, आजादनगर पुल, बड़ा गणपति चौराहा पर इसी तरह से समाधान किया जाएगा।
आशीष सिंह, कलेक्टर इंदौर ने कहा कि जिन लोगों ने नाले पर कब्जा कर दुकानें लगा ली हैं, उन पर बहुत जल्द कार्रवाई होगी। सभी तरह के अतिक्रमण हटाएंगे। जलजमाव का कारण यही अतिक्रमण हैं। कान्ह-सरस्वती के किनारों से भी 1500 कच्चे मकानों की शिफ्टिंग जल्द करेंगे।
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