चंपई सोरेन 28 अगस्त को झामुमो और हेमंत मंत्रिमंडल से इस्तीफा देंगे
30 अगस्त को रांची में आधिकारिक तौर पर भाजपा में होंगे शामिल
नई दिल्ली। झारखंड के पूर्व सीएम चंपई सोरेन 30 अगस्त को रांची में आधिकारिक तौर पर भारतीय जनता पार्टी में शामिल होंगे। असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर एक पोस्ट के जरिए इसकी जानकारी दी है। उन्होंने अपनी पोस्ट में बताया कि चंपई सोरेन ने आज गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की।
बता दें कि चंपई सोरेन सोमवार को नई दिल्ली पहुंचे थे। वहां उन्होंने भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की। पिछले मंगलवार के बाद से यह उनकी दूसरी दिल्ली यात्रा थी। अपनी पिछली दिल्ली यात्रा के दौरान उन्होंने पार्टी नेतृत्व पर गंभीर आरोप लगाए थे। साथ ही नया विकल्प भी तलाशने की बात कही थी। इससे पहले दिल्ली पहुंचने पर चंपई ने सोशल मीडिया पर पोस्ट के माध्यम से पार्टी नेतृत्व पर खुद को अपमानित करने का आरोप लगाया था। पोस्ट में उन्होंने लिखा कि लगातार अपमानजनक व्यवहार से भावुक होकर मैंने सियासत में नए विकल्प को अपनाने का फैसला किया है।
चंपई ने कहा कि लगातार अपमान और तिरस्कार के बाद उनके सामने राजनीति से संन्यास लेने, अपना संगठन खड़ा करने या नए साथी के साथ सफर करने का विकल्प बचा था। मेरे लिए विधानसभा चुनाव तक के सफर के लिए विकल्प खुले हुए हैं। अपमान और तिरस्कार के कारण मैं वैकल्पिक राह तलाशने के लिए मजबूर हो गया। आज से मेरे जीवन का नया अध्याय शुरू होने जा रहा है।
चंपई ने अभी तक झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) या हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार में अपने पद से इस्तीफा नहीं दिया। सोरेन की गिरफ्तारी के बाद चंपई सोरेन को झारखंड का सीएम बनाया गया था। उन्होंने फरवरी से जुलाई तक सीएम के पद पर कार्य किया। वह 2005 से प्रत्येक चुनाव में विधानसभा के लिए चुने गए हैं। झारखंड में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने वाला है।
चंपई सोरेन हेमंत सोरेन परिवार के सबसे करीबियों में से एक रहे हैं। इसका अंदाजा इसी तथ्य से लगाया जा सकता है कि भ्रष्टाचार के मामले में जेल जाने से पहले सीएम हेमंत सोरेन ने सीएम पद की जिम्मेदारी चंपई को दी। बताते हैं कि हेमंत के जेल से बाहर आने के बाद जिस प्रकार उन्हें आनन फानन सीएम पद से इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया। चूंकि चंपई सोरेन परिवार के करीबी और आदिवासी वर्ग के दिग्गज नेता है, ऐसे में चंपई की बगावत से झामुमो को नवंबर-दिसंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव में बड़ा झटका लग सकता है।