आदेश में स्पष्ट किया गया है कि गैर-मुस्लिम बच्चों को मज़हबी तालीम देना गैर-कानूनी है
किसी भी तरह की धार्मिक गतिविधि के लिए अब अभिभावक की लिखित मंजूरी अनिवार्य
भोपाल। मदरसों में गैर-मुस्लिम बच्चों को धार्मिक शिक्षा दिए जाने को लेकर मोहन सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। इस विषय को लेकर लोक शिक्षण संचालनालय ने सख्त आदेश जारी किए हैं। इस आदेश में कहा गया है कि अगर किसी गैर-मुस्लिम बच्चे को धार्मिक शिक्षा दी जाती है, तो इसके लिए संबंधित संस्था पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। आदेश में स्पष्ट किया गया है कि गैर-मुस्लिम बच्चों को मज़हबी तालीम देना गैर-कानूनी है।
सरकार को लगातार ऐसी शिकायतें मिल रही थीं कि प्रदेश के मदरसों में गैर-मुस्लिम बच्चों को भी धार्मिक शिक्षा दी जा रही है। इन शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए बाल आयोग ने भी इस पर चिंता जताई थी। आदेश में लिखा गया कि- किसी भी तरह की धार्मिक गतिविधि के लिए अब अभिभावक की लिखित मंजूरी अनिवार्य कर दी गई है। इस आदेश में संविधान की धारा 28 (3) का भी हवाला दिया गया है, जो धार्मिक शिक्षा से संबंधित है।
जानकारी के अनुसार स्कूल शिक्षा विभाग ने इन मामलों की जांच के लिए भौतिक सत्यापन करने के निर्देश भी दिए हैं। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी गैर-मुस्लिम बच्चे को बिना उसके अभिभावक की अनुमति के धार्मिक शिक्षा न दी जाए। इस फैसले के बाद, प्रदेश भर में मदरसों की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जाएगी, जिससे कि कानून का पालन सुनिश्चित किया जा सके।