हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट एक बार फिर चर्चा में, आरोप यह कि अडाणी ग्रुप और सेबी के बीच है मिलीभगत

अडानी ग्रुप ने कहा- यह जानबूझकर बदनाम करने का प्रयास है, ग्रुप ने आरोपों को नुकसानदेह भी बताया

बुच दंपति ने सेबी की विश्वसनीयता पर हमला और चेयरपर्सन के चरित्र हनन की कोशिश करने का आरोप लगाया

नई दिल्ली। अमेरिकी रिसर्च कंपनी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट एक बार फिर चर्चा में है। हिंडनबर्ग ने आरोप लगाया है कि अडाणी ग्रुप के विदेशी फंड में सेबी चीफ और उनके पति की हिस्सेदारी है। रिपोर्ट में अडाणी ग्रुप और सेबी के बीच मिलीभगत का भी आरोप लगाया गया है। हालांकि, सेबी चीफ माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच ने आरोपों को खारिज किया है। बुच दंपति का कहना है कि कुछ भी नहीं छिपाया गया है। आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है। वहीं, अडाणी ग्रुप ने आरोपों को आधारहीन बताया और इसे मुनाफा कमाने और बदनाम करने की साजिश करार दिया है। अडाणी ग्रुप ने बयान में कहा कि इस रिपोर्ट में लगाए गए आरोप दुर्भावनापूर्ण और तत्थों को जोड़-तोड़ कर पेश किए गए हैं।

हिंडनबर्ग का क्या है आरोप?

हिंडनबर्ग ने व्हिसिल ब्लोअर डॉक्यूमेंट्स के आधार पर आरोप लगाया है कि सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच की मॉरिशस की ऑफशोर कंपनी ‘ग्लोबल’ डायनामिक अपॉर्च्यूनिटी फंड’ में हिस्सेदारी है। इस कंपनी में गौतम अडाणी के भाई विनोद अडाणी ने अरबों डॉलर का निवेश किया है। इस पैसे का इस्तेमाल शेयरों के दामों में तेजी लाने के लिए किया गया है। ये रिपोर्ट करीब 106 पेज की है। इस मामले में सेबी और अडाणी ग्रुप ने भी प्रतिक्रिया दी है।

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को अडाणी ग्रुप ने किया खारिज

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को अडाणी ग्रुप ने खारिज करते हुए कहा है कि नए आरोप बदले की भावना से लगाए गए हैं। ग्रुप ने आरोपों को नुकसानदेह भी बताया है और कहा, हिंडनबर्ग ने अपने फायदे के लिए इस तरह के आरोप लगाए हैं। हमारा ओवरसीज होल्डिंग स्ट्रक्चर पूरी तरह से पारदर्शी है। इसमें सभी फैक्ट और डिटेल्स को नियमित रूप से कई सार्वजनिक दस्तावेजों में प्रदर्शित किया जाता है। अडाणी ग्रुप ने कहा है कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में जिन लोगों के नामों का जिक्र किया गया है, उनके साथ हमारा कोई भी व्यावसायिक संबंध नहीं है। यह सिर्फ जानबूझकर बदनाम करने का प्रयास है

हिडनबर्ग के आरोपों को बुच दंपति ने बताया निराधार

हिडनबर्ग के आरोपों को बुच दंपति ने निराधार बताया है और इसे सेबी की विश्वसनीयता पर हमला और चेयरपर्सन के चरित्र हनन की कोशिश करने का आरोप लगाया है। सेबी चीफ का कहना है कि हिंडनबर्ग जिस विदेशी फंड में निवेश का आरोप लगा रही है, वो साल 2015 में किया गया था। सेबी चीफ का कहना है कि हिंडनबर्ग ने भारत में कई तरह के नियमों का उल्लंघनों किया है, इसे लेकर उसे नोटिस भेजा गया है। उसने जवाब देने के बजाय सेबी की विश्वसनीयता पर ही हमला करने की कोशिश की है। फंड में निवेश तब किया गया था, जब प्राइवेट सिटिजन थे।

 

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