बाबा महाकाल बैलगाड़ी में नंदी पर विराजमान होकर श्री उमा-महेश के स्वरूप में दर्शन देंगे
सावन सोमवार की पालकी में भगवान श्री चंद्रमौलेश्वर स्वरूप में विराजित रहेंगे
उज्जैन। सावन के चौथे सोमवार पर भगवान महाकाल की नगरी उज्जैन में गजब का उत्साह नजर आ रहा है। अब तक करीब दो लाख श्रद्धालु महाकाल के दर्शन कर चुके हैं। भस्म आरती के लिए रात 2.30 बजे मंदिर के पट खोले गए है। वहीं, आज शाम 4 बजे सावन की चौथी सवारी में महाकाल अपनी प्रजा का हाल जानने निकलेंगे। बाबा महाकाल बैलगाड़ी में नंदी पर विराजमान होकर श्री उमा-महेश के स्वरूप में दर्शन देंगे। पालकी में भगवान श्री चंद्रमौलेश्वर स्वरूप में विराजित रहेंगे। हाथी पर श्री मनमहेश, गरुड़ रथ पर श्री शिव तांडव प्रतिमा होगी।
आज श्रावण मास के चौथे सोमवार के विशेष महत्व के चलते बाबा महाकाल भक्तों को दर्शन देने के लिए आधा घंटा पहले जागे और हजारों भक्तों को भस्म आरती की बैठक व चलित व्यवस्था के अंतर्गत रूप में अपना आशीष भी प्रदान किया। आज की सवारी में भजन मंडली, सशस्त्र बल की टुकड़ी, घासी जनजातीय समूह के कलाकार नृत्य करते हुए चलेंगे।
श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित आशीष गुरु ने बताया कि भस्म आरती की प्रतिदिन की प्रक्रिया के अनुसार ही भगवान वीरभद्र से आज्ञा लेकर चांदी द्वार खोला गया। उसके बाद भगवान का पूजन अर्चन तो हुआ ही लेकिन आज भगवान का पंचामृत स्नान करवाने के साथ ही उन पर केसर युक्त जल अर्पित किया गया। साथ ही चंदन व भांग से बाबा महाकाल का विशेष श्रृंगार भी किया गया। आज प्रातः भगवान के विशेष श्रृंगार के बाद उन्हें महानिर्वाणी अखाड़े की ओर से भस्म अर्पित की गई इसके बाद चारों ओर जय श्री महाकाल की गूंज गुंजायमान हो गई।
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