स्टैंडर्ड डिडक्शन बढ़ने से नौकरीपेशा और पेंशनभोगियों को टैक्स बचाने में मदद मिलेगी
स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट 50 हजार रुपये से बढ़ाकर 75 हजार रुपये कर दी गई
नई दिल्ली। 2024-25 के केंद्रिय बजट में सबसे ज्यादा खुशी टैक्सपेयर्स को हुई है। न्यू टैक्स रिजीम के अनुसार 3 लाख से कम तनख्वाह वालों को टैक्स नहीं देना होगा। वहीं, जिनकी सालाना आय 3 से 7 लाख हैं उन्हें सिर्फ 5% टैक्स ही देना होगा। इस साल के बजट में केंद्र सरकार ने व्यापारी और नौकरी करने वाले लोगों का बोझ कम करने के लिए न्यू टैक्स रिजीम के तहत बड़े बदलाव किए है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने टैक्सपेयर्स के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट 50 हजार रुपये से बढ़ाकर 75 हजार रुपये कर दिया है। इसके साथ ही New Tax Slab में एक बार फिर बदलाव किया गया है। स्टैंडर्ड डिडक्शन बढ़ने से नौकरीपेशा और पेंशनभोगियों को टैक्स बचाने में मदद मिलेगी। सरकार ने पांच साल में पहली दफा स्टैंडर्ड डिडक्शन बढ़ाया है। इससे पहले आखिरी बार 2019 के बजट में स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट बढ़ाकर 50,000 रुपये की थी। हालांकि, ओल्ड टैक्स रिजीम में अभी 50,000 रुपये का ही स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलेगा। यह बदलाव सिर्फ न्यू टैक्स रिजीम के लिए है।
न्यू टैक्स रिजीम बदलाव के बाद?
-
0 to 3 तक लाख तक की आमदनी पर कोई टैक्स नहीं
-
3 से 7 लाख की आय पर 5% आयकर
-
7 से 10 लाख की आय पर 10% आयकर
-
10 लाख से 12 लाख की आय पर 15% आयकर
-
12 लाख से 15 लाख की आय पर 20% आयकर
-
15 लाख से ज्यादा की आय पर 30% आयकर
-
न्यू टैक्स रिजिम से कम हुआ टैक्स का बोझ