सावन माह में बाबा महाकाल की 5 सवारी और भादौ माह में 2 सवारी निकलेंगी
चलित रूप में भी भक्तों को होंगे भस्मारती के दर्शन
पहली सवारी 22 जुलाई को और आखिरी शाही सवारी 2 सितंबर को निकाली जाएगी
उज्जैन। सावन माह की शुरुआत के साथ ही भक्तों की सुविधा के लिए हर वर्ष की तरह इस बार भी श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति ने प्रतिदिन होने वाली भस्मारती के समय में बदलाव किया है। मंदिर समिति को उम्मीद है कि इस वर्ष भी बाबा महाकाल की भस्मारती सहित महाकालेश्वर के दर्शन के लिए महाकाल मंदिर में प्रतिदिन 2 से 3 लाख से ज्यादा श्रद्धालु पहुंच सकते हैं। ऐसे में महाकालेश्वर मंदिर में भस्म आरती से लेकर दिनभर तक के दर्शन का प्लान तैयार किया है, जो सावन माह के साथ ही शुरू कर दिया गया है।
महाकाल मंदिर के पुजारी जी पंडित महेश पुजारी ने बताया कि हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी भक्तों की सुविधा के लिए सावन माह के प्रत्येक सोमवार को होने वाली भस्म आरती के समय में बदलाव रहेगा। हालांकि ऐसी कोई परंपरा नहीं है। यह बदलाव सिर्फ भक्तों की सुविधा के लिए किया जाता है, क्योंकि इस दौरान अधिक संख्या में श्रद्धालुजन महाकाल मंदिर बाबा महाकाल की भस्म आरती दर्शन के लिए पहुंचते हैं। अधिक से अधिक भक्तजन भस्म आरती के दर्शन कर सके इसके लिए मंदिर प्रशासन ने चलित भस्मारती की व्यवस्था भी की है। इसके साथ ही महाकाल मंदिर समिति ने सावन-भादो माह में बाबा महाकाल की दर्शन व्यवस्था मंदिर के पट खुलने से लेकर बंद होने तक के दौरान भक्तों के लिए सुलभ की है, जिससे भक्तों को जल्द से जल्द बाबा के दर्शन हो सके।
बता दें कि सावन माह में बाबा महाकाल की 5 सवारी और भादौ माह में 2 सवारी निकलेंगी। महाकाल के दर्शन और पूजन के लिए ये सात दिन अहम रहेंगे। पहली सवारी 22 जुलाई को और आखिरी शाही सवारी 2 सितंबर को निकाली जाएगी। इस दौरान सामान्य दिनों में मंदिर के पट जहां तड़के चार बजे खुलते हैं वहीं, सावन के महीने में हर रविवार सोमवार की दरमियानी रात को 2.30 बजे मंदिर के पट खोल दिए जाएंगे। इसके अलावा सोमवार से शनिवार तड़के 3 बजे मंदिर के पट खोले जाएंगे।