पर्यावरण प्रेमियों की जीत, राजधानी भोपाल में अब नहीं कटेंगे 29 हजार पेड़

भोपाल के रहवासी और समाजिक संस्थाओं की ओर से लगातार हो रहा था विरोध

भोपाल में मंत्री-विधायकों के बंगलों के लिए 29 हजार से ज्यादा पेड़ काटने का था प्रस्ताव

भोपाल। मंत्री-विधायकों के नए बंगलों के लिए भोपाल में काटे जाने वाले 29 हजार पेड़ अब नहीं कटेंगे। नगरीय प्रशासन मंत्री विजयवर्गीय ने सोमवार को X पर बताया- ‘नए भोपाल के पुनर्घनत्वीकरण योजना के पर्यावरण संरक्षण एवं क्षेत्र में विद्यमान वृक्षों को देखते हुए प्रस्तुत प्रस्ताव को विचार के अस्वीकृत कर अन्य वैकल्पिक स्थानों के परीक्षण के निर्देश दिये गए है। नवीन प्रस्ताव हेतु प्रारंभिक स्तर पर भी नागरिकों एवं जनप्रतिनिधियों से विचार विमर्श भी किया जाएगा।”

हर ओर से था इस प्रोजेक्ट का विरोध

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के तुलसी नगर-शिवाजी नगर इलाके में मंत्री- विधायकों के बंगलों के लिए 29 हजार से ज्यादा पेड़ काटने का प्रस्ताव था। इस प्रोजेक्ट का भोपाल के रहवासी और समाजिक संस्थाएं विरोध कर रही थीं। बता दें 12 जून से लगातार पेड़ों को काटने को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहे है। 29 हजार पेड़ों में कई सालों पुराने पेड़ भी शामिल है।

विपक्षी दल कांग्रेस ने भी किया था विरोध

विरोध में कांग्रेस ने कहा था कि मंत्री और विधायकों के लिए शहर में पर्याप्त बंगले हैं। उनका री-डेवलपमेंट किया जाना चाहिए। शिवाजी नगर में हजारों लोगों को बेघर किया जा रहा है। भले ही जेल जाना पड़े ये नहीं होने देंगे। कांग्रेस ने इस मुद्दे को विधानसभा में उठाने की तैयारी की थी।

यह है पूरा मामला

तुलसी नगर और शिवाजी नगर की 297 एकड़ जमीन पर 2378 करोड़ का प्रोजेक्ट लाया गया था। यहां पहले 2,267 सरकारी मकानों को तोड़ा जाएगा। इसके बाद मंत्री और विधायकों के लिए बंगले बनाए जाएंगे। मंत्रियों के लिए 30 बंगले और विधायकों के लिए फ्लैट बनने थे। 3480 हजार सरकारी अफसरों के लिए बंगले और मकान भी बनाए जाएंगे। इसी प्रोजेक्ट के लिए करीब 29 हजार पेड़ काटे जाने थे, जिसका पिछले कुछ दिनों से भारी विरोध हो रहा था।

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