मध्यप्रदेश: विधानसभा के मानसून सत्र की हुई हंगामेदार शुरुआत, आज सत्र का दूसरा दिन

नर्सिंग एप्रिन पहन कर पहुंचे कांग्रेस विधायकों ने गांधी प्रतिमा के नीचे बैठकर जमकर नारेबाजी की

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार किसी विषय पर डरने वाली नहीं है। न पीछे हटने वाली है

भोपाल। विधानसभा के मानसून सत्र की 1 जुलाई से हंगामेदार शुरुआत हुई। पहले ही दिन सोमवार को नर्सिंग घोटाले और नर्सिंग काउंसलिंग को लेकर सड़क से सदन तक जमकर हंगामा हुआ। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने तत्कालीन चिकित्सा शिक्षा मंत्री के बंगले का घेराव किया। वहीं, नर्सिंग एप्रिन पहन कर पहुंचे कांग्रेस विधायकों ने गांधी प्रतिमा के नीचे बैठकर जमकर नारेबाजी की। सदन की कार्रवाई शुरू होते ही विपक्ष ने नर्सिंग घोटाले पर स्थगन प्रस्ताव के तहत चर्चा कराने की मांग की। इसके चलते प्रश्नकाल के बाद सदन को एक बजे तक स्थगित करना पड़ा।

सदन की कार्रवाई शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने नर्सिंग घोटाले पर स्थगन प्रस्ताव रखा। जिसे मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने सदन के नियमों के खिलाफ बताते हुए चर्चा नहीं करने की बात कही। इसकी सीबीआई जांच कर रही है। इस पर नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि हमारा मुद्दा अलग है। हमारा विषय नर्सिंग काउंसलिंग को लेकर है। इसका गठन किसने किया और इसमें कौन-कौन लोग थे। इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने विपक्ष से कहा कि बजट सत्र है। इसमें चर्चा के लिए अभी बहुत मौके मिलेंगे। यह मामला कोर्ट में लंबित है। इस पर नियमानुसार चर्चा नहीं हो सकती।

नर्सिंग मुद्दे पर पक्ष और विपक्ष दोनों के बीच तीखी नोकझोंक हुई। फिर अध्यक्ष ने एक बजे तक सदन की कार्रवाई को स्थगित कर दिया। दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि दोनों पक्षों को सदन के अंदर और बाहर सुना। नियमों के अनुसार सदन चलता है। उन्होंने आसंदी से आश्वासन दिया कि मंगलवार को प्रश्नकाल के बाद चर्चा होगी। इस पर सत्ता और विपक्ष दोनों के सदस्यों ने सहमति जताई।

विधानसभा में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि सरकार सभी विषयों पर चर्चा के लिए तैयार है, लेकिन सदन की कुछ परंपराएं है। स्थगन के बजाए आगे ध्यानाकर्षण लाएं। सरकार चर्चा के लिए तैयार है। कांग्रेस विधायकों की टोका टोकी पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार किसी विषय पर डरने वाली नहीं है। न पीछे हटने वाली है। कोई उत्तेजना से बात करेगा तो यह हम भी सुनने वाले नहीं है। शालीनता से अपनी बात रखें।

नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि नर्सिंग घोटाले में पूरे प्रदेश में दो सौ-तीन सौ करोड़ रुपए की वसूली की गई। इसके जिम्मेदार तत्कालीन मंत्री विश्वास सारंग और उनकी कमेटी है। नर्सिंग काउंसलिंग ने अपने हिसाब से नियम कानून बनाए और उसमें फेरबदल किया। इसको लेकर ही हाईकोर्ट ने कई बार फटकार लगाई। हम चाहते है कि स्थगन के माध्यम से चर्चा कराई जाए और सभी युवाओं को न्याय मिले। उनकी परीक्षा के साथ भेदभाव हो रहा है।

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