अमरनाथ यात्रा 29 जून से शुरू होकर 19 अगस्त तक चलेगी, श्रद्धालुओं में देखा जा रहा है भारी उत्साह
जम्मू में अमरनाथ बेस कैंप के आसपास के इलाके में तीन स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं
बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए हर साल होने वाली अमरनाथ यात्रा की शुरुआत आज यानी 29 जून से शुरू हो चुकी है। यह यात्रा 19 अगस्त 2024 सावन पूर्णिमा तक चलेगी। ये यात्रा महादेव के भक्तों के लिए बेहद खास होती है। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने श्रद्धालुओं के पहले जत्थे को झंडी दिखाकर जम्मू के बेस कैंप से रवाना किया था। अब 4603 तीर्थयात्रियों का पहला जत्था बालटाल और पहलगाम बेस कैंप पहुंच गया है।
एलजी सिन्हा ने यात्रा शुरू करने के एक दिन पहले ही जम्मू में यात्री निवास भवन का दौरा किया था। इससे पहले एलजी दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग में पहलगाम बेस कैंप भी पहुंचे थे। यहां उन्होंने सुरक्षा संबंधी बैठक की अध्यक्षता की थी। बता दें कि जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड के अध्यक्ष भी हैं।
अधिकारियों के मुताबिक कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच 1600 तीर्थयात्री कश्मीर की अपनी आगे की यात्रा के लिए भगवती-नगर आधार शिविर पहुंचे। बेसकैंप में भीड़ उमड़ रही है। महिलाओं सहित 800 से ज्यादा साधु पारंपरिक राम मंदिर और गीता भवन पहुंचे। यहां पहुंच रहे श्रद्धालु दक्षिण कश्मीर हिमालय में 3,880 मीटर ऊंचे पवित्र गुफा मंदिर में प्राकृतिक रूप से बने बर्फ के शिवलिंग के दर्शन करने के लिए उत्साहित हैं।
चाक चौबंद है सुरक्षा व्यवस्था
जम्मू-कश्मीर पुलिस की सुरक्षा विंग ने जम्मू में अमरनाथ बेस कैंप के आसपास के इलाके में तीन स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए हैं। जम्मू के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ विनोद कुमार के मुताबिक यात्रा के लिए पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था की गई है। भगवती नगर इलाके में बेस कैंप शिविर के लिए तीन स्तरीय सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं। जम्मू शहर में लॉजमेंट और रजिस्ट्रेशन सेंटर भी कड़ी सुरक्षा में हैं। साथ ही पुलिस ने इस हाईवे पर भी सुरक्षा बलों की तैनाती कर दी है, जहां से हर दिन यात्री गुजरेंगे।
सुरक्षा अधिकारियों ने बताया कि शिविर और उसके आसपास चौबीसों घंटे निगरानी रखने के लिए 360- डिग्री कैमरों सहित बॉडी स्कैनर और सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। उन्होंने बताया कि सुरक्षा के लिए अर्धसैनिक बल की कई कंपनियां तैनात की गई हैं। यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए किसी भी तरह का समझौता नहीं किया गया है।