साधु संतों ने किया पंडित प्रदीप मिश्रा का विरोध, कहा- जब तक माफी नहीं मांगेंगे तब तक उज्जैन में कथा नहीं होने देंगे

राधा रानी और तुलसीदास जी पर की गई टिप्पणी को लेकर कथावाचक प्रदीप मिश्रा का कई जगह विरोध किया जा रहा

उज्जैन में धर्म समाज और साधु संतों के करीब 100 लोगों ने एकत्रित होकर किया प्रदीप मिश्रा का विरोध

उज्जैन। राधा रानी और तुलसीदास जी पर की गई टिप्पणी को लेकर कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा की मुसीबतें बढ़ती जा रही है। उज्जैन के षड्दर्शन संत समाज, तीर्थ पुरोहित और कई धार्मिक संघठन ने अल्टीमेटम देते हुए कहा कि पंडित प्रदीप मिश्रा जब तक राधा रानी के मंदिर में जाकर माफी नहीं मांगते, तब तक उनकी उज्जैन में कोई भी कथा संत समाज होने नहीं देगा।

मध्य प्रदेश के उज्जैन में श्री कृष्ण की शिक्षास्थली के पुजारी और गुरु सांदीपनि जी के वंशज के सानिध्य में उज्जैन के साधु संतों ने कथा वाचक प्रदीप मिश्रा द्वारा कहे गए अपशब्दों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। प्रदीप मिश्रा के खिलाफ 13 अखाड़ों के संत, महंत, मंदिरों के पुजारी लामबंद हो गए। शहर के खाकचौक पर स्थित वैदेही गार्डन में सभी संत एकत्रित हुए और प्रदर्शन किया। इसमें सांदीपनि आश्रम के रूपम व्यास, पंडित राहुल व्यास, पंडित मनीष उपाध्याय, अंगारेश्वर मंदिर सहित धर्म सभा, अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज, अखिल भारतीय पुरोहित महासभा और धर्म यात्रा संघ के करीब 100 लोग प्रदर्शन में शामिल हुए। उज्जैन षट्दर्शन संत समाज और तीर्थ पुरोहित पंडित प्रदीप मिश्रा द्वारा व्यासपीठ से की जा रही अर्नगल टिप्पणियों पर अपना विरोध प्रकट करते हैं। देवी-देवताओं का अपमान करने वाली प्रवृत्तियों पर विधि अनुसार कार्रवाई कर सनातन देवी-देवताओं का अपमान करने वालों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाए इसको लेकर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सोपा है। सांदीपनि आश्रम के पुजारी पंडित रूपम व्यास ने बताया कि सनातन धर्म के खिलाफ बोल रहा है। राधा रानी और तुलसीदासजी पर दिए गए बयानों की हम सभी संत निंदा करते हैं और ये प्रण लेते हैं कि प्रदीप मिश्रा जब तक माफी नहीं मांगेंगे, तब तक उज्जैन में उनका विरोध होगा। इसके साथ ही उज्जैन में कोई भी कथा नहीं होने दी जाएगी।

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