भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम को एक जुलाई से लागू किया जाएगा
केंद्र सरकार ने भारतीय न्याय संहिता की धारा-106 (2) को फिलहाल होल्ड कर दिया है
नई दिल्ली। 1 जुलाई से देशभर का नया कानून तैयार होकर आ रहा है। देश में 1860 से लागू आईपीसी (इंडियन पीनल कोड) कानून के अनुसार पुलिस और कोर्ट फिलहाल कार्रवाई करती है। 164 साल पुराने इस कानून को बदलकर केंद्र सरकार ने भारतीय न्याय संहिता बनाई है, जिसमें आईपीसी की 511 धाराओं के स्थान पर सिर्फ 358 धाराएं रहेगी। मतलब उन धाराओं को हटा दिया गया, जिसका वर्तमान में कोई औचित्य नहीं हैं। वहीं, ऐसी धाराओं को अधिक कड़ा कर दिया गया, जिसमें सख्त सजा या फिर राहत देने की जरूरत थी। उससे अब छुटकारा मिल जाएगा। तो अब आईपीसी नहीं, बल्कि BNS (भारतीय न्याय संहिता) बोला जाएगा। एफआईआर के हेड लाइन के साथ, सेक्शन, डिजिटल, फॉरेंसिक जांच के तौर तरीके सभी बदले जा चुके हैं।
केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन नए कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम को एक जुलाई से लागू किया जाएगा, लेकिन अधिसूचना में कहा गया है कि केंद्र सरकार ने भारतीय न्याय संहिता की धारा-106 (2) को रोक दिया है। धारा-106 (2) लागू नहीं होगी। यह प्रावधान हिट एंड रन से जुड़े अपराध से जुड़ा हुआ है। इसी के साथ एक जुलाई से दंड प्रक्रिया का भी नाम बदल जाएगा। 1972 से लागू दंड प्रक्रिया को अब भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता कहा जाएगा और इसी के अनुसार कोर्ट की कार्रवाई भी होगी। वहीं, 1872 में लागू साक्ष्य अधिनियम में भी बदलाव कर उसे लागू किया जा रहा है।
पुलिस और न्याय विभाग में चल रहा है ट्रेनिग का दौर
भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और साक्ष्य अधिनियम को 1 जुलाई से लागू करने के लिए पुलिस और न्याय विभाग में ट्रेनिग का दौर चल रहा है। पुलिस कर्मियों को नए कानून की ट्रेनिंग दी ही जा रही है। साथ ही, सभी थानों में नए कानून और धाराओं से संबंधित पोस्टर भी लगाए जाएंगे। जिससे आम जनता को उसकी जानकारी हो सके।
यह होंगी बीएनएस की नई धाराएं
आईपीसी की धारा 323 अब 115 (2) कहलाएगी। तेजाब हमला 326 ए की जगह अब 124 (1), दुष्कर्म की धारा 376 (1) की जगह धारा 64 (1) होगी। हत्या की धारा 302 की जगह धारा 103, चोरी की धारा 378 की जगह 303 (1) होगी, डकैती की धारा 395 की जगह अब धारा 310 (2) में मुकदमा दर्ज होगा। धोखाधड़ी की धारा 420 की जगह 318 (4), धार 395 की जगह 310(2), अमल में आएगी।
धारा-106 (2) फिलहाल लागू नहीं होगा
नए कानून के तहत आईपीसी की जगह भारतीय न्याय संहिता, सीआरपीसी की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और इंडियन एविडेंस एक्ट की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम लेगा। हालांकि, नोटिफिकेशन में कहा गया है कि केंद्र सरकार ने भारतीय न्याय संहिता की धारा-106 (2) को फिलहाल होल्ड कर दिया है, यानी धारा-106 (2) फिलहाल लागू नहीं होगा। यह प्रावधान हिट एंड रन से जुड़े अपराध से संबंधित है। इस प्रावधान के विरोध में जनवरी के पहले हफ्ते में देश भर में ड्राइवरों ने हड़ताल की थी, जिसके बाद केंद्र सरकार ने आश्वासन दिया था कि इस कानून को ड्राइवर यूनियन से चर्चा के बाद अमल में लाया जाएगा।