नई दिल्ली। केंद्र की मोदी 3.0 सरकार में अजीत डोभाल को तीसरी बार ‘राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार’ नियुक्त किया गया है। 13 जून को कार्मिक मंत्रालय द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि ‘मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति’ ने दस जून से अजीत डोभाल, आईपीएस (सेवानिवृत्त) को बतौर ‘राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार’ नियुक्त करने को मंजूरी दी है। इसके साथ ही पूर्व आईएएस अधिकारी पीके मिश्रा भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव नियुक्त किए गए हैं। पूर्व आईएएस अमित खरे और तरुण कपूर भी 10 जून से दो साल के लिए प्रधानमंत्री मोदी के सलाहकार नियुक्त किए गए हैं।
पीएम मोदी ने फिर से एक बार अपने विश्वस्त लोगों पर भरोसा जताया है। पीएम मोदी का डोभाल पर भरोसा यूं ही नहीं है। डोभाल ने कई अहम मौके पर अपनी काबिलियत को दर्शाया है। जब भी राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा हो या कोई संकट की स्थिति हो तो पीएम मोदी को अपना डोभाल ही याद आते हैं। साथ ही पीके मिश्रा PM मोदी के सचिव बने रहेंगे। पीके मिश्रा का पूरा नाम प्रमोद कुमार मिश्रा है। पीके मिश्रा गुजरात कैडर के 1972 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हैं। 2001-2004 के दौरान, मिश्रा ने नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव के रूप में भी काम किया है, जब वे गुजरात के मुख्यमंत्री थे।
अब केंद्र की ब्यूरोक्रेसी में दो नौकरशाहों को लेकर यह चर्चा हो रही है कि उन्हें बतौर सेवा विस्तार, अगली पारी का मौका मिलेगा या नहीं। ये दोनों नौकरशाह भी मोदी सरकार के विश्वस्त माने जाते हैं। इनमें से एक मौजूदा कैबिनेट सचिव ‘राजीव गौबा’ और दूसरे, केंद्रीय गृह सचिव ‘अजय कुमार भल्ला’ हैं। इन दोनों ही नौकरशाहों का सेवा विस्तार, अगस्त 2024 में खत्म हो रहा है। राजीव गौबा और अजय कुमार भल्ला को लगातार सेवा विस्तार मिल रहा है। दोनों टॉप ब्यूरोक्रेट्स, अगस्त 2024 में रिटायर होने वाले हैं। मोदी सरकार के इन दोनों नौकरशाहों को कई मामलों में सरकार का संकटमोचक भी कहा जाता है।