‘फ्री- लुक’ अवधि अब 30 दिन की है। पहले यह अवधि 15 दिन थी
नई दिल्ली। देश में जीवन बीमा से जुड़े नियमों को बनाने वाली और कंपनियों के कामकाज की देखरेख करने वाली संस्था IRDAI ने करोड़ों पॉलिसी धारकों को बड़ी राहत दी है। बीमा नियामक संस्था IRDAI ने सभी जीवन बीमा बचत उत्पादों में पॉलिसी लोन की सुविधा अब अनिवार्य कर दी है, जिससे पॉलिसीधारकों को नकदी संबंधी जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही जीवन बीमा पॉलिसीधारकों को एक साल की अवधि के बाद पॉलिसी सरेंडर कराने पर बेहतर सरेंडर वैल्यू मिलेगी। लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी के संबंध में सभी नियमों को लेकर ‘मास्टर’ सर्कुलर बुधवार को जारी किया। इरडा ने कहा कि ‘फ्री- लुक’ अवधि अब 30 दिन की है। पहले यह अवधि 15 दिन थी। ‘फ्री-लुक’ अवधि में पॉलिसी के नियमों तथा शर्तों की समीक्षा करने के लिए समय प्रदान किया जा सकता है।
इरडा ने कहा कि यह बीमा नियामक द्वारा पॉलिसीधारकों के हितों को ध्यान में रखते हुए उठाए गए सुधारों की सीरीज में एक महत्वपूर्ण कदम है। अब इनोवेशन को बढ़ावा देने, ग्राहक अनुभव और संतुष्टि को बढ़ाने के लिए अनुकूल वातावरण उपलब्ध है।
मास्टर’ सर्कुलर के अनुसार, पेंशन उत्पादों के तहत आंशिक निकासी की सुविधा की अनुमति दी गई है। इससे पॉलिसीधारकों को जीवन की महत्वपूर्ण घटनाओं जैसे बच्चों की उच्च शिक्षा या विवाह; आवासीय मकान/फ्लैट की खरीद/ निर्माण; चिकित्सकीय व्यय तथा गंभीर बीमारी के उपचार के लिए अपनी विशिष्ट वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद मिलेगी।
नए नियमों में बीमा कंपनियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि स्पेशल सरेंडर वैल्यू कम से कम भुगतान की गई बीमा राशि, भुगतान किए गए भविष्य के लाभों और अर्जित और निहित लाभों के बराबर हो। परिपत्र में कहा गया, यदि बीमाकर्ता बीमा लोकपाल के निर्णय के विरुद्ध अपील नहीं करता है और उसे 30 दिन के भीतर क्रियान्वित नहीं करता है, तो शिकायतकर्ता को प्रतिदिन 5,000 रुपये का जुर्माना देना होगा।
मोटर बीमाधारकों को मिलने चाहिए अतिरिक्त विकल्प
सर्कुलर में आगे कहा गया कि मोटर बीमा में ग्राहकों को पहले ऑप्शन के तौर पर ‘पे ऐज यू ड्राइव’/’पे ऐज यू गो’ के अतिरिक्त विकल्प दिए जाने चाहिए, और बचाव के निपटान के लिए ग्राहक पर कोई बोझ नहीं होना चाहिए।
फायर पॉलिसी पर यह नियम
इसके अलावा इरडा ने कहा कि घर मालिकों को फायर पॉलिसी में बाढ़, चक्रवात, भूस्खलन, आतंकवाद जैसे कई अन्य कवर भी चुनने या इससे संबंधित जोखिम पॉलिसी से ऑप्ट-आउट करने का विकल्प होना चाहिए। बीमाकर्ताओं को कवरेज, बहिष्करण, वारंटी और क्लेम सेटलमेंट प्रक्रियाओं सहित स्पष्ट और संक्षिप्त पॉलिसी विवरण देने के लिए ग्राहक सूचना पत्र (सीआईएस) भी देना होगा।