नई दिल्ली। चुनावी परिणामों के बाद पार्टियों की बैठक का दौर शुरू हो चुका हैं। कल ही एनडीए द्वारा बैठक का आयोजन किया गया जिसमें सर्वसम्मति से पीएम मोदी को दल का नेता चुना गया। इसके बाद आज संसद में विपक्ष द्वारा बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें नेताओं ने सोनिया गांधी को अपना नेता चुना है।
सोनिया बनी विपक्ष की संसदीय दल की नेता
विपक्ष की बैठक में सभी दलों के बड़े नेता मौजूद रहे। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने संसदीय दल के लिए सोनिया गांधी के नाम का प्रस्ताव दिया। सभी नेताओं ने उनके नाम पर अपनी अपनी स्वीकृति दी। बैठक में राहुल गांधी, गौरव गोगोई, तारिक अनवर, के सुधाकरण, प्रमोद तिवारी समेत तमाम बड़े नेता मौजूद रहें।
राहुल के सामने रखा लोकसभा विपक्ष नेता बनने का प्रस्ताव
बता दें कि सोनिया गांधी को अध्यक्ष बनाने से पहले सीडब्ल्यूसी की मीटिंग हुई थी। यह मीटिंग करीब 3 घंटे तक चली। इस मीटिंग में कई नेताओं ने प्रस्ताव रखा कि राहुल गांधी को लोकसभा में विपक्ष का नेता बनाया जाए। इसपर राहुल ने कहा कि यह पद 10 सालों से खाली पड़ा है मुझे सोचने का थोड़ा समय दिया जाए।
विपक्ष के नेता का पद 2014 से खाली पड़ा है, क्योंकि कोई भी विपक्षी दल 10 प्रतिशत सीटें हासिल करने में कामयाब नहीं हो पाया है। 2014 में कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) की हार के बाद, यह सबसे पुरानी पार्टी लोकसभा में 44 सीटों तक सिमट गई थी। 2019 में भी कांग्रेस यह पद प्राप्त नहीं कर पाई। लेकिन इस बार कांग्रेस ने अपने दम पर 99 सीटें प्राप्त की है।