महामंडलेश्वर मंदाकिनी पूरी को अखाड़ा परिषद ने महामंडलेश्वर पद से किया निष्कासित

साढ़े सात लाख रुपये लेकर पदवी दिलाने के लगे थे आरोप

उज्जैन। निरंजनी अखाड़े की महामंडलेश्वर मंदाकिनी के खिलाफ प्रकरण दर्ज होने के बाद कई शिकायत अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष के पास पहुंची है। गंभीर शिकायतों के चलते महामंडलेश्वर मंदाकिनी पूरी को अखाड़ा परिषद ने महामंडलेश्वर पद से हटा दिया है। सरकार के नाम पर चीटिंग भी महामंडलेश्वर ने की थी। अब महामंडलेश्वर बनने से पहले उस स्थान के महामंडलेश्वर की एक कमेटी बनाकर जांच करवाई जाएंगी।

उज्जैन में अखाड़ा परिषद अध्यक्ष ने महामंडलेश्वर मंदाकिनी की शिकायत मिलने के बाद उन्हें निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर पद से निष्कासित किया है। वहीं, उज्जैन पंचदशनाम जूना अखाड़े के सचिव रामेश्वर गिरी ने प्रकरण दर्ज होने के बाद महाडलेश्वर मंदाकिनी को उज्जैन मंडल से भी हटा दिया है। महामंडलेश्वर मंदाकिनी पूरी पर 7.30 लाख रुपए लेने का आरोप लगाते हुए महंत सुरेश्वरानंद पूरी महाराज ने प्रकरण दर्ज करवाया था। प्रकरण दर्ज होने के बाद अखाड़ा परिषद अध्यक्ष के पास उज्जैन के कई साधु संतों ने रुपए लेने के आरोप मंदाकिनी पर लगाए हैं, जिसके बाद उन्हें हटाने का निर्णय लिया गया था।

महंत सुरेश्वरानंद ने बताया कि महामंडलेश्वर बनाने के नाम पर 7.30 लाख रुपए लिए हैं। रुपए मांगने पर झूठे केस में फसाने की बात कही गई थी। जिस पर प्रकरण दर्ज करवाया गया है। तथाकथित महामंडलेश्वर पर मेरे सहित कई संतों ने आरोप लगाए हैं। मैंने 5 लाख रुपए (कार लोन वाले) मंदाकिनी को दिए थे। ढाई लाख रुपए भक्तों से इकट्ठा कर दिए थे। दान देने वाले सवाल पर सुरेश्वरानंद ने कहा कि मुझे दान देना होता तो मैं खुद मेरी गौशाला में दान देता। मैं ठगी का शिकार हुआ हूं।

महामंडलेश्वर सुमनानंद गिरी ने बताया कि देश के गृहमंत्री जी की पत्नी को केंसर बताकर मंदाकिनी ने कामाख्या माता में अनुष्ठान करवाने की बात कही थी। उनका कहना था कि आपको गवर्नर बनवा दूंगी। 5 लाख रुपए की शेर की खाल दिलवाने की बात भी मंदाकिनी ने की थी। अन्नपूर्णा पुरी महामंडलेश्वर से भी गौ संवर्धन बोर्ड का अध्यक्ष बनाने के नाम पर 35 लाख रुपए की डिमांड की गई थी।

इसी तरह का आरोप उज्जैन के कथावाचक भगवान बापू ने भी लगाए हैं। उनका कहना है कि कथा के दौरान उन्होंने एक लाख रुपये महामंडलेश्वर बनाने के नाम पर मांगे थे। महाराज जी के नाम पर फोन लगाकर बात करने का नाटक मेरे सामने किया था। एक लाख देने के बाद 15 लाख रुपए महामंडलेश्वर बनने पर देना थे। जरूरत पड़ी तो मेरी ओर से भी प्रकरण दर्ज करवाया जाएगा।

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