मध्य प्रदेश विधानसभा में अंतिम दिन मचा बवाल, अपने ही विधायकों के सवालों से घिरी सरकार

भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा बजट का आज अंतिम दिन है। विधानसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष ने एक दूसरे पर जमकर हमला बोला। विपक्ष ने परिवहन घोटाला, बिगड़ती कानून व्यवस्था के मुद्दों पर सरकार को घेरा। वहीं, सत्ता पक्ष के लोगों ने भी सरकार से योजनाओं में लेट-लतीफी, धान उपार्जन घोटाले और सिंहस्थ के मुद्दे पर सवाल पूछे।

धान घोटाले पर सरकार को घेरा

जबलपुर के पाटन के बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री अजय विश्नोई ने धान उपार्जन घोटाले पर सरकार का घेराव किया। जबलपुर में धान खरीदी में 5 करोड़ से ज्यादा का घोटाला हुआ है जिसकी जांच ईओडब्ल्यू में चल रही है। उन्होंने सरकार से पूछा कि घोटाले को अंजाम देने के लिए फर्ज़ी रिलीज आर्डर जारी किए गए। जिन ट्रक से धान जा रहा था वो टोल नाको से गुजरकर ग्वालियर, उज्जैन, मुरैना जैसे शहरों में गए। इसकी जांच आसानी से हो सकती है। एक महीने से ज्यादा हो गया लेकिन इसकी जांच नहीं हुई। जांच में इतनी देर क्यों हो रही है। इस पर खाद्य मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत ने कहा, किसी भी दोषी को बक्शा नहीं जाएगा और जहां भी कंप्यूटर ऑपरेटर्स कि गड़बड़ी सामने आएगी, कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

बिजली कटौती पर बात की

विधायक नरेंद्र कुशवाह ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जरिए बिजली कटौती का मुद्दा उठाया। उन्होंने ये भी कहा कि ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर भ्रष्ट अफसर को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। इसपर ऊर्जा मंत्री ने कहा कि पर्याप्त बिजली दी जा रही है। तोमर के जवाब पर कुशवाह बोले कि मंत्री जी आप भ्रष्ट अधिकारी को बचा रहे हैं। ऐसे अधिकारियों को ससपेंड कर जांच कराई जानी चाहिए।

बेटी बचाओ का नारा लेकिन असलियत कुछ और

भिंड विधायक नरेन्द्र सिंह कुशवाह ने उनके क्षेत्र के नए गांव में नया गर्ल्स कॉलेज खोलने के मुद्दे पर उच्च शिक्षा विभाग के मंत्री इन्दर सिंह परमार को घेरा। कुशवाह ने कहा कि सरकार बेटी पढ़ाओ के नारे देती है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और है।

विधायक बोले- उज्जैन का किसान डरा हुआ है

2028 में होने वाले सिंहस्थ के लिए किसानों की जमीन के स्थाई अधिग्रहण पर बीजेपी विधायक चिंतामणि मालवीय ने अपनी ही सरकार को घेर लिया। उन्होंने कहा कि उज्जैन का किसान डरा हुआ है। उसकी जमीन छीनी जा रही है। मालवीय ने कहा कि सीएम ने 2 हज़ार करोड़ रुपए सिंहस्थ के लिए रखें है। उज्जैन उन पर अभिमान करता है। उज्जैन उनको अपना नेता मानता है। लेकिन आज उज्जैन का किसान बहुत डरा और परेशान है क्योंकि सिंहस्थ के नाम पर उसकी जमीन पहले केवल 3-6 महीनों के लिए अधिकृत की जाती थी लेकिन आज उन्हें स्थाई अधिग्रहण का नोटिस दिया गया है।

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