पटना में भ्रष्टाचार के खिलाफ केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने की बड़ी कार्रवाई
सीबीआई अब बरामद दस्तावेजों और डिजिटल उपकरणों की कर रही है गहन जांच
भ्रष्टाचार के इस मामले से कई बड़े अधिकारियों की मिलीभगत पर भी उठ रहे हैं सवाल
राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) में भ्रष्टाचार का आज एक बड़ा मामला सामने आया है। सीबीआई ने एनएचएआई के पटना क्षेत्रीय कार्यालय के महाप्रबंधक रामप्रीत पासवान को 15 लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। रामप्रीत से पूछताछ में कई बड़े खुलासे भी हुए हैं। सीबीआई की इस कार्रवाई से न केवल एनएचएआई में व्याप्त भ्रष्टाचार उजागर हुआ है, बल्कि कई बड़े अधिकारियों की मिलीभगत पर भी सवाल उठे हैं।
एनएचएआई के जीएम रामप्रीत पासवान के पटना, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, पूर्णिया, बेगूसराय समेत झारखंड के ठिकानों पर घंटों छापेमारी चली है। जहां से 1.18 करोड़ रुपए मिलने की खबर है। इस मामले में झारखंड की एक कंपनी का नाम भी सामने आया है।
अभी तक की जानकारी के अनुसार, इस मामले में एक निजी कंपनी के महाप्रबंधक समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार आरोपियों में रामप्रीत पासवान, महाप्रबंधक (जीएम), एनएचएआई, क्षेत्रीय कार्यालय, पटना (रिश्वत प्राप्तकर्ता), बरुण कुमार, कर्मचारी, मेसर्स राम कृपाल सिंह कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड, सुरेश महापात्रा, महाप्रबंधक (जीएम), मेसर्स राम कृपाल सिंह कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड (रिश्वत देने वाला), चेतन कुमार, कर्मचारी, मेसर्स राम कृपाल सिंह कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड और चेतन कुमार, कर्मचारी, मेसर्स राम कृपाल सिंह कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं।
सीबीआई ने बताया कि “जिस स्थान पर एनएचएआई के महाप्रबंधक और निजी कंपनी के कर्मचारी के बीच घूस का लेन-देन हो रहा था, वहीं छापामारी कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। इस सुनियोजित कार्रवाई ने मामले की गंभीरता और व्यापकता को और अधिक स्पष्ट कर दिया है।” सीबीआई अब बरामद दस्तावेजों और डिजिटल उपकरणों की जांच कर रही है ताकि घूस के लेन-देन में शामिल अन्य अधिकारियों और कंपनियों की भूमिका को उजागर किया जा सके। इस घोटाले की परतें खुलने के साथ इसमें और भी नाम सामने आने की संभावना जताई जा रही है।