हादसे में जिन दो लोगों ने अपनी जान गवाई, वे दोनों ही फूल प्रसाद विक्रेता थे
उज्जैन। उज्जैन नगरी में शुक्रवार को महाकाल मंदिर के सामने दीवार गिरने से दो लोगों की मौत होने के बाद नगर निगम ने वर्षों से अवैध रूप से फूल प्रसादी बेचकर व्यवसाय करने वाले करीब 100 से अधिक लोगों की दुकानें क्षेत्र से हटा दी है। इस दौरान कुछ लोगों ने विरोध भी किया लेकिन पुलिस बल के कारण सभी दुकानें हटाई गई।
महाकाल मंदिर के गेट नम्बर चार के पास हुए हादसे में जिन दो लोगों ने अपनी जान गवाई, वे दोनों ही फूल प्रसाद विक्रेता थे। अजय नाथ ने 15 दिन पहले ही दुकान लगाना शुरू की थी। जिस जगह हादसा हुआ उसी के पास बड़े गणेश मंदिर की गली में नगर निगम की लापरवाही के कारण स्मार्ट रोड पर बड़ी संख्या में अवैध दुकानें संचालित हो रही थीं। कई दुकानें जर्जर हालत में दीवार के सहारे संचालित कर रहे थे। शनिवार को ऐसे ही करीब 100 विक्रेताओं पर नगर निगम ने करवाई करते हुए फूल प्रसादी की सभी दुकानें हटा दी। नगर निगम की इस कार्यवाही में बड़ा अमला पुलिस बल के साथ लगाया गया था। तीन जेसीबी और बड़ी संख्या में मेन पावर लगाकर चार घंटे में सभी दुकानों को हटा दिया गया। इस दौरान विक्रेताओं को दुकान में रखा सामान निकालने का मौका दिया गया। जिसके बाद व्यवसायी अपना सामान समेटकर ले गए। गेंग प्रभारी मोनू ने बताया कि शुक्रवार को हुए हादसे के बाद कार्रवाई की गई। आगे से ये लोग इस जगह दुकानें नहीं लगाएं इसका भी ध्यान रखा जाएगा।
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