सीएम ने कहा- मुगलों ने मंदिर तोड़े, लेकिन देवी अहिल्याबाई ने सनातन धर्म की पताका को थामे रखा
देवी अहिल्याबाई के आदर्शों, सिद्धांतों, व्यक्तित्व और कृतित्व को जन-जन तक पहुंचाने के लिए शासन समिति का गठन करेगा
इंदौर। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव रविवार शाम को इंदौर के गांधी हॉल में आयोजित गुणीजन सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर प्रतियोगिताओं के पुरस्कार भी दिए गए। अखाड़ों के साथ निकली पालकी समारोह के बाद गांधी हॉल से अहिल्या बाई की पालकी निकली। इसका विभिन्न मंचों के माध्यम से स्वागत किया गया।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि लोकमाता देवी अहिल्याबाई होल्कर एक विचारधारा है। वह ऐसी धर्मनिष्ठ शासिका थीं, जिन्होंने अपने राज्य की सीमाओं को लांघकर समूचे भारत में जनकल्याणकारी सेवाकार्यों से अपनी अलग पहचान बनाई। उनके सामने चुनौतियों के पहाड़ थे, लेकिन उन्होंने सफलतापूर्वक सत्ता चलाई। मुगलों ने मंदिर तोड़े, लेकिन देवी अहिल्याबाई ने सनातन धर्म की पताका को थामे रखा।
सीएम ने कहा कि देवी अहिल्याबाई अपने कामों की वजह से अमर हो गईं। वह कुशल प्रबंधक थीं और तलवार की ताकत जानती थीं। उन्होंने देशभर में मालवा का मान बढ़ाया। देवी अहिल्याबाई के आदर्शों, सिद्धांतों, व्यक्तित्व और कृतित्व को जन-जन तक पहुंचाने के लिए शासन समिति का गठन करेगा। समिति के माध्यम से सतत कार्यक्रम किए जाएंगे।
इस कार्यक्रम में पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि मां अहिल्याबाई के पुण्यप्रताप का लाभ इंदौर को हमेशा मिलता रहा है। उनके बताए मार्ग और सिद्धांतों पर चलकर हम इंदौर को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे।
इस अवसर पर जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, सांसद शंकर लालवानी, महापौर पुष्यमित्र भार्गव, शिव गंगा अभियान के प्रमुख महेश शर्मा, यशवंतराव होलकर (तृतीय) विशेष रूप से मौजूद थे। कार्यक्रम के शुभारंभ के मौके पर अहिल्या उत्सव समिति के कार्यकारी अध्यक्ष अशोक डागा ने स्वागत संबोधन किया।