ससूर पर छेड़छाड़ के झूठे आरोप लगाये, पति पर माता-पिता से अलग रहने का दबाव बनाया
शपथ-पत्र में भी अपने बैंक खाते की जानकारी छिपाई, ऐसी पत्नी भरण-पोषण की अधिकारी नहीं: फैमिली कोर्ट
इंदौर। फैमिली कोर्ट ने एक अहम फैसले में पत्नी तथा साढ़े 3 वर्षीय बेटी के भरण-पोषण का मामला खारीज कर दिया। इंदौर निवासी पत्नी ने अजमेर निवासी टूर एण्ड ट्रेवल्स व्यवसायी पति के विरूद्ध कुटुम्ब न्यायालय, इंदौर में भरण-पोषण का केस दायर कर पति से स्वयं के तथा अपनी अवयस्क पुत्री के भरण-पोषण के लिए 50 हजार रूपये प्रतिमाह की मांग की थी।
जानकारी देते हुए पति के एडवोकेट जेएस ठाकुर ने बताया कि पत्नी अपने पति पर उसके बुजुर्ग तथा बीमार माता-पिता से अलग रहने का दबाव बनाती थी। यहां तक कि पत्नी ने अपने ससुर पर छेड़छाड़ के गंभीर आरोप लगाये थे, जो न्यायालय में साबित नहीं हुए। इस तरह से दबाव डालने तथा झूठे आरोप लगाने को कोर्ट ने पति के साथ क्रूरता मानते हुए पत्नी को भरण-पोषण का अधिकारी नहीं माना।
कोर्ट ने अपने फैसले में उल्लेख किया कि पत्नी ने अपनी आय तथा बैंक खाते की जानकारी जानबूझकर छिपाई है, जिससे ऐसा प्रतीत होता है कि पत्नी कोई न कोई काम कर रही है इसीलिए उसके द्वारा बैंक अकाउंट के लेनदेन तथा खातों का उल्लेख अपने शपथपत्र में नहीं किया है। इसी कारण से कोर्ट के द्वारा आमदनी का खुलासा नहीं होने तथा जानबूझकर आय के तथ्य छिपाने से पत्नी द्वारा अवयस्क बेटी के लिए मांगा गया भरण-पोषण भी नहीं दिलाया गया।