भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन को पहुंचे लाखों श्रद्धालु, रात 12 बजे से खुल गए हैं पट

श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाड़े के महंत विनीत गिरि महाराज और कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने रात 12 बजे की त्रिकाल पूजा

 

उज्जैन। बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में नागपंचमी का पर्व बड़े ही धूम-धाम से मनाया जा रहा है। महाकालेश्वर मंदिर में स्थित भगवान नागचंद्रेश्वर के पट परंपरा अनुसार रात्रि 12 बजे खोल दिए गए। सबसे पहले श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाड़े के महंत विनीत गिरि महाराज और श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष व कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने त्रिकाल पूजा की। पूजन के बाद मंदिर में रात से ही श्रद्धालु दर्शन कर रहे हैं। दर्शन का यह सिलसिला लगातार 24 घंटे तक चलता रहेगा। नागचंद्रेश्वर के साथ ही बाबा महाकाल के दर्शन को भी भक्तों की भीड़ उमड़ रही हैं।

कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने बताया कि महाकाल के दरबार में नाग पंचमी पर्व पर नागचंद्रेश्वर भगवान के दर्शन करने के लिए लाखों की तादाद में श्रद्धालु पहुंचने लगे हैं। भगवान नागचंद्रेश्वर का पंचामृत अभिषेक किया गया जिसके बाद श्रद्धालुओं के लिए दर्शन शुरू किए गए। आज रात 12 बजे तक लाखों श्रद्धालु दर्शन करेंगे। शाम को पुजारियों द्वारा पूजन पाठ किया जाएगा। देर रात 12 बजे मंदिर का पट फिर से बंद होगा जो 1 साल बाद खोला जाएगा।

विनीत गिरी महंत महानिर्वाणी अखाड़ा ने बताया कि विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में नागपंचमी पर भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन की महत्ता है। यहां महाकाल मंदिर के शीर्ष पर भगवान नागचंद्रेश्वर का अति प्राचीन मंदिर है। इस मंदिर में नाग पर विराजत शिव पार्वती की अति दुर्लभ मूर्ति है। मान्यता है कि मंदिर में नागचंद्रेश्वर की प्रतिमा के दर्शन और पूजन से शिव पार्वती दोनों ही प्रसन्न होते हैं। साथ ही सर्प भय से भी मुक्ति मिलती है। नागपंचमी पर नाग को दूध पिलाने की भी परंपरा है इसलिए श्रद्धालु यहां नाग की प्रतिमा पर दूध चढा आते हैं। उज्जैन के नागचंद्रेश्वर मन्दिर में स्थित मूर्ति 11वीं शताब्दी के परमार काल की है। नागचंद्रेश्वर मंदिर में स्थापित प्रतिमा में शेषनाग की सैय्या पर भगवान शिव तथा पार्वती के साथ भगवान गणेश और कार्तिक भी विराजित है। बताया जाता है कि यह प्रतिमा नेपाल से लाई गई थी।

एसपी प्रदीप शर्मा ने बताया कि भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन के लिए प्रशासन ने सभी इंतजाम किए है। सुरक्षा के साथ ही श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए बेरीकेड लगाए गए है ताकि दर्शन आसानी से हो सके। भगवान महाकाल के दरबार में स्थित नागचंद्रेश्वर का मंदिर वर्ष में केवल एक बार ही खुलता है। नागपंचमी पर खुलने वाले इस मंदिर में दर्शन के लिए श्रद्धालु एक दिन पहले से ही कतार में लग जाते है। 1800 से अधिक पुलिसकर्मी और जिला प्रशासन के 500 से अधिक जिला प्रशासन के अधिकारी कर्मचारी व्यवस्था में लगाए गए हैं।

 

 

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