संभागायुक्त दीपक सिंह की अध्यक्षता में प्रशासन, पुलिस और वन विभाग के आला अफसरों की टास्क फोर्स बैठक संपन्न
इंदौर संभाग में वन भूमि में कहीं पर भी अतिक्रमण नहीं होने दिया जाएगा। विशेषतौर पर बुरहानपुर और खंडवा जिले जहां पर बीते सालों में सामूहिक रूप से वन कटाई कर अतिक्रमण की प्रवृति देखी गई है, वहां कड़ी निगरानी व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी और ऐसी किसी भी कोशिश पर कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। संभागायुक्त इंदौर दीपक सिंह की अध्यक्षता में आज प्रशासन, पुलिस और वन विभाग के आला अधिकारियों की इस संबंध में बैठक की गई। बैठक में पुलिस कमिश्नर राकेश गुप्ता, आईजी अनुराग, एडिशनल पुलिस कमिश्नर अमित सिंह, डीआईजी निमिष अग्रवाल, मुख्य वन संरक्षक नरेन्द्र सनोडिया, संभाग के सभी जिलों के कलेक्टर, जिला पंचायतों के सीईओ और वन विभाग के सभी वन संरक्षक और वन मण्डलाधिकारी उपस्थित थे।
बैठक में संभागायुक्त दीपक सिंह ने कहा कि वन अपराधों में दर्ज किए जाने वाले पीओआर के संबंध में सूक्ष्मता से प्रकरण क़ायम किए जाए। वन विभाग के अमले को इस संबंध में प्रशिक्षण दिया जाए, ताकि ठोस प्रकरण बन सके और वन अपराधियों की कोर्ट में दोष सिद्धि हो सके। संभागायुक्त ने कहा कि समय के हिसाब से वन विभाग द्वारा वन क्षेत्रों में सीसीटीवी एवं ऑनलाइन निगरानी के अन्य साधनों का उपयोग भी किया जाना चाहिए।
बैठक में वन विभाग द्वारा जानकारी दी गई कि संभाग में बुरहानपुर में बीते तीन-चार वर्षों में सामूहिक रूप से वन कटाई की घटनाएं हुई है। बुरहानपुर कलेक्टर भव्या मित्तल ने बैठक में बताया कि ऐसी घटनाओं में दोषी व्यक्तियों का चिन्हांकन कर उनके खिलाफ क़ानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की गई है। कुछ दोषी व्यक्तियों के खिलाफ जिलाबदर की कार्रवाई भी की गई है।
बैठक में बताया गया कि वनमंडल बुरहानपुर के वनक्षेत्रों में बड़ी मात्रा में अवैध कटाई एवं अवैध अतिक्रमण की घटनाओं में मुख्य भूमिका माधुरी बेन पति कृष्नास्वामी नाम की महिला की रही है। वर्ष 2022 में सामूहिक रूप से 800-1000 लोगों के समूह द्वारा बुरहानपुर वनमंडल के नावरा वनपरिक्षेत्र में बड़ी मात्रा में वनों की अवैध कटाई की गई। माधुरी बेन एवं उसके सहयोगियों के विरूद्ध जिलाबदर की कार्रवाई जिला प्रशासन को प्रस्तावित की गई। तदुपरांत जिला प्रशासन द्वारा माधुरी बेन एवं उसके प्रमुख स्थानीय सहयोगी अंतराम अवास्या को गत वर्ष 2023 में जिलाबदर किया गया। इसके साथ ही अन्य सहयोगियों हेमा मेघवाल, सुड़िया छगन, रेवसिंग उर्फ रेमसिंग, फूलसिंग सुबला, छतरसिंग रेमसिंग को जिलाबदर किया गया है। जिलाबदर होने का परिणाम यह रहा कि विगत एक वर्ष से बुरहानपुर वनमंडल के वनक्षेत्रों में बड़ी मात्रा में अवैध कटाई एवं अवैध अतिक्रमण की घटनाओं की संख्या निरंक है। विगत एक वर्ष में वनमंडल के 880 हेक्टेयर वनक्षेत्र को अतिक्रमणकारियों से मुक्त कराकर पुनः वन स्थापित करने हेतु वनवर्धनिक कार्य किए गए हैं।
खंडवा ज़िले में भी कुछ वन क्षेत्रों में वन कटाई के प्रकरण आने पर पुलिस और प्रशासन की सहायता से तत्परतापूर्वक कार्रवाई की गई है। संभागायुक्त दीपक सिंह ने बैठक में साफ कहा कि सभी जिला कलेक्टर और पुलिस प्रशासन वन विभाग के साथ संयुक्त रूप से कार्रवाई करें। पुलिस महानिरीक्षक अनुराग ने बैठक में वन विभाग से वायरलेस सिस्टम के माध्यम से संचार की प्रभावी व्यवस्था बनाने की अपेक्षा जतायी। पुलिस कमिश्नकर राकेश गुप्ता ने भी बैठक में अपने सुझाव रखे। बैठक में तय किया गया कि ग्रामीण क्षेत्र में सूचना तंत्र को मज़बूत बनाया जाएगा। वन विभाग के मुख्य वन संरक्षक नरेंद्र सनोडिया ने बैठक में बताया कि बुरहानपुर और खंडवा ज़िले में जहां अवैध रूप से कटाई की गई थी वहां वन विभाग की सहायता से वन संरक्षण के कार्य किए गए हैं।