विजयवर्गीय बोले- भले ही थोड़ा-सा नुकसान हो जाए, लेकिन हम शहर का अहित नहीं होने देंगे
इंदौर में मेट्रो ट्रेन के वर्तमान रूट को लेकर जनप्रतिनिधियों में नहीं बन पा रही सहमति
इंदौर। मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में मेट्रो ट्रेन के वर्तमान रूट को लेकर जनप्रतिनिधियों में सहमति नहीं बन पा रही है। सोमवार को शहर में हुई बैठक में नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने नए सिरे से फिजिबिलिटी सर्वे कराने के निर्देश अफसरों को दिए हैं। बैठक में लोकसभा की पूर्व स्पीकर सुमित्रा महाजन ने प्रोजेक्ट की धीमी प्रगति पर सवाल उठाए। सभी नेता और जनप्रतिनिधियों के बयानों से एक बात साफ है कि इस समस्या का अब जो भी समाधान निकले लेकिन शहरवासियों का मेट्रो ट्रेन का इंतज़ार बढ़ जाएगा।
इंदौर मेट्रो के एमजी रोड वाले सबसे ज्यादा विवादित रुट को लेकर 17 जून को बड़ी बैठक हुई। नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने मेट्रो के अधिकारियों के साथ ही प्रमुख सचिव, सांसद, विधायकों के साथ ही शहर के गणमान्य नागरिकों के साथ बैठक ली। इस बैठक में सभी से महत्वपूर्ण सुझाव लिए गए। कैबिनेट मंत्री विजयवर्गीय ने बताया कि इन सुझावों को लेकर सर्वे होगा और फिर एक माह में रुट को लेकर फैसला लिया जाएगा।
मेट्रो रेल प्रोजेक्ट का 30 से 40 प्रतिशत हो चुका है काम
मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि शहर में मेट्रो रेल परियोजना का 30 से 40 प्रतिशत काम हो चुका है और इस परियोजना को लेकर केंद्र व प्रदेश सरकार के स्तर पर सारे फैसले पहले ही हो चुके हैं, लेकिन यह शहर के हित का विषय है और हम व्यवहार्यता रिपोर्ट के आधार पर उचित फैसला करेंगे। भले ही थोड़ा-सा नुकसान हो जाए, लेकिन हम शहर का अहित नहीं होने देंगे।
ताई ने उठाए मेट्रो प्रोजेक्ट की धीमी प्रगति पर सवाल
पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने आगामी 25-30 साल के विकास को ध्यान में रखकर मेट्रो प्रोजेक्ट तैयार कराने की अपील की। साथ ही उसकी धीमी प्रगति पर सवाल उठाए। कहा, पहले फेज में ही देरी हो रही है। सुपर कारिडोर यानी खुले हिस्से में यह हाल है तो शहर के व्यस्त इलाकों में क्या होगा? उन्होंने कहा, मेट्रो निर्माण की सतत निगरानी होनी चाहिए। इंदौर वाले मनमानी सहन नहीं करेंगे। एयरपोर्ट में अंडर ग्राउंड स्टेशन निर्माण होने तक हवाई अड्डे का विकास रोकने की जरूरत नहीं है। राजवाड़ा से मल्हारगंज होते हुए बड़ा गणपति तक मेट्रो ले जाने की बजाय सुभाष मार्ग से इसके लिए वैकल्पिक मार्ग तय किया जाए।
प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई ने कहा कि सुझावों पर अमल करना सरकार का काम है। मेट्रो को बंगाली चौराहे से नीचे उतारने पर दो हजार करोड़ अतिरिक्त खर्च आएगा। केंद्र सरकार यह राशि देने को तैयार होगी तभी बदलाव संभव होगा।
2019 में रखी गई थी मेट्रो प्रोजेक्ट की नींव
अधिकारियों ने बताया कि इंदौर में 7,500.80 करोड़ रुपये की कुल लागत वाली मेट्रो रेल परियोजना के पहले चरण की नींव 14 सितंबर 2019 को रखी गई थी। इसके तहत शहर में करीब 31.50 किलोमीटर लम्बा मेट्रो रेल गलियारा बनाया जाना है। सितंबर 2023 में शहर के गांधी नगर स्टेशन से सुपर कॉरिडोर के स्टेशन पर मेट्रो रेल का ट्रायल रन किया गया था।