मध्य प्रदेश जो आज बीजेपी का गढ़ बना गया है, वह कभी कांग्रेस का भी गढ़ था। लेकिन आज के रुझानों के अनुसार बीजेपी मध्य प्रदेश में 29 कई 29 सीटें जीतने जा रही है। इंदौर, भोपाल, भिंड और दमोह सीट पर भाजपा ने 1989 से लगातार अपनी जीत को बरकरार रखा है। इंदौर में 1984 में कांग्रेस के प्रकाश चंद्र सेठी जीते थे। इसके बाद 1989 से लगातार भाजपा के खाते में यह सीट रही है। भोपाल की स्थिति भी कुछ ऐसी है। यहां से आखिरी बार कांग्रेस प्रत्याशी केएन प्रधान 1984 में जीते थे। इसके बाद यहां भी 1989 से लगातार भाजपा जीतती रही है। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को यहां से लड़ाया, पर उन्हें भी हार मिली। इस बार भोपाल से पूर्व महापौर आलोक शर्मा कांग्रेस के अरुण श्रीवास्तव को मात देते दिख रहे हैं।
भिंड, विदिशा और दमोह में भी 1989 से भाजपा ही जीतती रही है। जबलपुर, मुरैना बैतूल और सागर में भाजपा वर्ष 1996 से लगातार जीत रही है। पार्टी अब इन सीटों पर जीत के लिए नए और दमदार चेहरे आगे करने की तैयारी में है। एकमात्र छिंदवाड़ा ही ऐसी सीट है जहां एक चुनाव छोड़कर कांग्रेस लगातार जीतती रही है। 1997 के उप चुनाव में यहां से भाजपा के सुंदरलाल पटवा जीते थे। सतना और बालाघाट सीटों पर 1998 के बाद बीजेपी को कभी हार का सामना नहीं करना पड़ा।
मध्य प्रदेश में भाजपा इस बार क्लीन स्वीप करती हुई नज़र आ रही है। कमलनाथ के गढ़ पर 26 साल बाद एक बार फिरबीजेपी जीतती दिख रही है। यहां 1997 में हुए उप चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा ने कमलनाथ को हराया था। अब 2024 में भाजपा के विवेक साहू बंटी कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ को मात को देते दिख रहे हैं। साहू को कमलनाथ ने पिछले विधानसभा चुनाव में हराया था, लेकिन लोकसभा चुनाव में भाजपा ने इस सीट को जीतने में पूरी ताकत झोंक दी थी।