नर्सिंग घोटाले मामले में सीएम मोहन यादव का दिखा रौद्र रूप, 66 नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता की निरस्त,सीएम के गृह जिले में भी हुई कार्रवाई…

इंदौर के पांच नर्सिंग कॉलेज सील, कॉलेजों के पुराने स्टूडेंट्स इस कार्रवाई से प्रभावित नहीं होंगे

सीएम के गृह जिले उज्जैन में भी एक नर्सिंग कॉलेज सील

मान्यता निरस्त होने के मामले में सबसे अधिक बैतूल और भोपाल के कॉलेज है शामिल

विश्वास सारंग नर्सिंग घोटाले के सरगना है- नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार

इंदौर। मध्य प्रदेश की मोहन सरकार भ्रष्टाचारी और धोखेबाजों के खिलाफ एक्शन मोड में है। इसी के तहत नर्सिंग कॉलेज घोटाले के मामले में 66 नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता निरस्त कर दी गई है। इसमें सबसे अधिक बैतूल और भोपाल के कॉलेज शामिल है। चिकित्सा शिक्षा विभाग ने कमिश्नर और कलेक्टर को इन कॉलेजों की सूची दी है। उनसे कहा गया है कि हाईकोर्ट के आदेश के मुताबिक, कॉलेजों पर कार्रवाई करें। दूसरी ओर, राहत भरी खबर भी है। इन कॉलेजों के पुराने स्टूडेंट्स इस कार्रवाई से प्रभावित नहीं होंगे। वे नर्सिंग की परीक्षा दे सकेंगे।

इसी कड़ी में इंदौर शहर के पांच अपंजीकृत नर्सिंग कॉलेज पर सोमवार को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने ताला लगा दिया है। राजस्व ओर मेडिकल की टीम ने कॉलेज के गेट पर कोर्ट द्वारा जारी नोटिस चस्पा कर दिए है। दोपहर को कॉलेज में अचानक पहुंची टीम ने कर्मचारियों से भी पूछताछ की। कॉलेज में चल रही अनियमित्ताओं के कारण कोर्ट को यह आदेश करना पड़ा।

नर्सिंग कॉलेज घोटाले में हाईकोर्ट के आदेश के बाद उज्जैन में मंगलवार को एक नर्सिंग कॉलेज को सील कर दिया गया। सेठी नगर के पास मंगल कॉलोनी में संचालित होने वाले जेके नर्सिंग कॉलेज पर यह कार्रवाई की गई है। सीएमएचओ अशोक पटेल ने बताया कि कलेक्टर से पत्र प्राप्त हुआ था इसको लेकर कार्रवाई की गई है। कॉलेज में तीनों वर्ष के 125 विद्यार्थी है। कॉलेज को सील किया है लेकिन एग्जाम पर रोक नहीं लगाई गई है। जिन विद्यार्थियों की प्रेक्टिकल एग्जाम है उन्हें नहीं रोका जाएगा। लेकिन कोर्ट के अगले आदेश तक कॉलेज को बंद किया गया है। लक्ष्मी नारायण गर्ग, एसडीएम ने बताया कि कॉलेज में नियमों के हिसाब से बिल्डिंग नहीं बनी है। एक ही जगह पर स्कूल और कॉलेज दोनों चल रहे थे। इसके अलावा कई खामिया मिली है, जिसके आधार पर कोर्ट में सील करने के आदेश दिए है।

नर्सिंग घोटाले का इतिहास

इंदौर में कुछ समय पहले नर्सिंग कॉलेज से संबंधित घोटाला सामने आया था। इसकी शुरुआत 2020 में हुई थी। 2019 तक प्रदेश में 450 नर्सिंग कॉलेज थे। इसके बाद दो साल में 200 नए कॉलेज पंजीकृत हुए, जहां लाखों विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया। कुछ समय बाद परीक्षा और अन्य मामलों को लेकर विद्यार्थियों को संदेह हुआ। जब उन्होंने अपने स्तर पर जांच की तो मालूम हुआ कि यह कॉलेज फर्जी है और इन्हें मान्यता नहीं मिली है। जबलपुर में वकील विशाल बघेल और ग्वालियर के वकील दिलीप शर्मा ने कोर्ट में याचिका दायर की। पूरा मामला सुनने के बाद इसकी जांच सीबीआई को सौंप दी गई। जांच के पहले चरण में 700 में से 308 कॉलेज की जांच की गई। इसमें सीबीआई ने 169 कॉलेज को सूटेबल, 66 को अनसुटेबल और 73 को अनुपयुक्त की श्रेणी में रखा। बाद में यह बात भी सामने आई की जिन अधिकारियों को यह जांच सौंपी गई थी, वही रिश्वत लेकर इन कॉलेज को क्लीन चिट दे रहें थे।

दिल्ली में चल रही है पूछताछ

इस मामले में अभी तक 13 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है जिसमें सीबीआई के भ्रष्ट अधिकारी भी शामिल हैं। सीबीआई की टीम इन सभी से दिल्ली में पूछताछ कर रही है। छात्रों का भविष्य खराब न हो इसलिए हाईकोर्ट द्वारा कॉलेज को मान्यता देने के लिए आयोग का गठन किया जा रहा है।

मार्कशीट न दे पाने के कारण सील हुए कॉलेज

इंदौर के जिन पांच कॉलेजों को सील किया गया है वह विद्यार्थियों को परीक्षा के बाद मार्कशीट नहीं दे पा रहे थे। इसके अलावा वह छात्रों द्वारा जमा की गई फीस भी वापस नहीं कर रहे थे। कई विद्यार्थियों की शिकायत है कि उनके दस्तावेज भी कॉलेज ने जमा कर लिए हैं। इन्हीं कारणों की वजह से हाईकोर्ट ने कॉलेज सील करने का आदेश दिया है।

नेता प्रतिपक्ष का बड़ा बयान

उमंग सिंघार (नेता प्रतिपक्ष)

नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने अपने X एकाउंट पर लिखा है कि- विश्वास सारंग नर्सिंग घोटाले के सरगना है, इनके द्वारा दी गई मान्यताओं वाले कॉलेजों को तत्काल बंद करना चाहिए। विश्वास सारंग के समय 200-250 कॉलेजों को अनुमति दी गई, क्या इन्होंने मंत्री रहते हुए कोई मापदंड देखे ?
कहीं अस्पताल नहीं है, कहीं स्कूल के अंदर ही नर्सिंग कॉलेज चल रहे हैं, ये व्यापम से भी बड़ा घोटाला है, जिसमें मंत्री, नेता और अधिकारियों ने मिलकर 25-25 लाख रुपए खाए हैं। ये भ्रष्टाचार करके प्रदेश में फर्जी डिग्री, फर्जी अस्पताल, फर्जी नर्स और फर्जी डॉक्टर बनाना चाहते हैं ???
ये सिर्फ भ्रष्टाचार नहीं, एक मरीज और उसके परिवार के साथ खिलवाड़ चल रहा है, नर्सिंग कॉलेज में पढ़ाई कर रही बच्चियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ चल रहा है।

 

 

 

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