जन प्रकाशन की ओर से आप सभी को मकर संक्रांति की आकाश भर शुभकामनाएं
सूर्य उपासना, पतंगबाज़ी और तिल-गुड़ की मिठास का पर्व है ‘मकर संक्राति’। ज्योतिष के अनुसार मकर संक्राति को सूर्य का मकर राशि में प्रवेश होता है। यह त्योहार देश के विभिन्न राज्यों में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। माना जाता है कि इस दिन स्नान-दान का शुभ फल मिलता है। इस साल ये त्योहार 14 जनवरी को मनाया जाएगा।
मकर संक्रांति पर जरूर करें सूर्य उपासना
मकर संक्रांति के दिन सुबह जल्दी उठकर, स्नान करके, स्वच्छ वस्त्र पहनकर गुड़, हल्दी और तिल्ली मिश्रित जल सूर्य देव को अर्पित करना चाहिए। इसके बाद आदित्य हृदय स्त्रोत या सूर्य चालीसा का पाठ करना चाहिए। इस दिन सूर्य उत्तरायण होते है। इस दिन सूर्यदेव की उपासना करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है और शुभ फल मिलता है।
विभिन्न राज्यों में मनाया जाता है मकर संक्रांति का त्योहार
गुजरात, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश समेत अनेक राज्यों में विभिन्न तरह से यह त्योहार मनाया जाता है। महाराष्ट्र में इस दिन तिल और गुड़ के लड्डू बनाये जाते हैं। स्त्रियां एक दूसरे को हल्दी-कुमकुम लगाकर सुहाग का सामान भेंट में देती है। गुजरात में तिल-गुड़ के लड्डू, पतंगबाज़ी के साथ यह त्योहार मनाया जाता है। तिलगुड़ के लड्डू के अलावा इस दिन दाल-चावल की खिचड़ी खाने और दान में देने की भी परम्परा है। माना जाता है कि मकर संक्रांति से शरद ऋतू का असर कम होने लगता है और दिन तिल-तिल करके बड़े होने लगते हैं।
इस साल बन रहा विशेष संयोग
2025 की मकर संक्रांति पर विशेष संयोग बन रहा है। इस दिन मंगल पुण्य का संयोग बन रहा है जिससे कर्क, तुला और मीन राशि के लोगों को काफी फायदा होगा। 19 साल बाद इस तरह का संयोग बन रहा है। मकर संक्रांति को खरमास भी समाप्त हो रहा है जिसके बाद नामकरण, विवाह, गृहपूजा जैसे शुभ कार्य किए जा सकते हैं।