महाकाल लोक बनने के बाद से यहां श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ी है
उज्जैन। श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति को 2024 में अब तक 1 अरब 65 करोड़ से अधिक का दान प्राप्त हुआ है। हालांकि साल खत्म होने में अभी कुछ दिन का समय बाकी है। साल के अंतिम दिनों में मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या दोगुनी हो जाती है। ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि आने वाले दिनों में मंदिर समिति की आय में इजाफा होगा।
देखने में आया है कि उज्जैन में महाकाल लोक बनने के बाद से यहां श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ी हैं। अभी जो आय सामने आई है, उसमें चार किलो चांदी और 1300 ग्राम के करीब सोने की प्राप्ति हुई है। नकद धनराशि की बात करें तो दान पेटियों से करीब 44 करोड़ रुपए, शीघ्र दर्शन से 49 करोड़, अभिषेक पूजन से 5 करोड़ 93 लाख, अन्न दान से करीब साढ़े 12 करोड़ रुपए प्राप्त हुए हैं।
इसके अलावा, मंदिर समिति की धर्मशाला से साढ़े 5 करोड़, भस्म आरती बुकिंग से 90 लाख, फोटोग्राफी मासिक शुल्क से साढ़े 7 लाख, भाग एवं ध्वजा बुकिंग से 7 लाख 92 हजार, उज्जैन दर्शन बस सेवा से करीब 7 लाख और अन्य मदों से करीब 24 करोड़ रुपए की आय हुई है। बीते एक साल में महाकाल मंदिर में करीब 400 किलो चांदी और डेढ़ किलो सोना भी दान के रूप में मिला है, जिसकी अनुमानित कीमत 3 करोड़ ये अधिक आंकी गई है।
श्री महाकालेश्वर मंदिर समिति के अध्यक्ष व कलेक्टर नीरज सिंह ने बताया कि अभी तक विभिन्न माध्यमों से लगभग 165 करोड़ की आय हुई है, जिसमें लड्डू प्रसाद भी शामिल है। इस धनराशि का उपयोग यहां आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधा देने के लिए किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस पैसे का कुछ अंश मंदिर में भक्तों के निवास स्थान को विकसित करने में किया जाएगा।