रात बारह बजे गूंजेगा लड्डू गोपाल का जयकारा, माखन मिश्री का भोग लगाकर कृष्ण का जन्मदिवस मनाएंगे भक्त

उज्जैन के सांदीपनि आश्रम की पूजा में शामिल होंगे प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव

आज भक्त अपने प्रभु श्री कृष्ण का अभिषेक और श्रृंगार करके 56 व्यंजनों का भोग लगाएंगे

इंदौर। वासुदेव के पुत्र, यशोदा के लाल और भक्तों के प्यारे श्रीकृष्ण के जन्मदिवस के अवसर पर प्रदेश के अनेक कृष्ण मंदिरों में विशेष आयोजन किए जाएंगे। भाद्रपद के कृष्णपक्ष की अष्टमी को जन्मे कृष्ण का जन्मोत्सव हर साल की तरह इस साल भी रात बारह बजे मनाया जाएगा। भक्त अपने प्रभु का अभिषेक और श्रृंगार करके उन्हें माखन मिश्री और 56 व्यंजनों का भोग लगाएंगे। आइए जानते हैं कि प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में जन्माष्टमी के अवसर क्या तैयारियां की जा रही है।

सांदीपनि आश्रम की पूजा में शामिल होंगे मुख्यमंत्री

उज्जैन में कृष्ण जन्म को लेकर खासा उत्साह है। कृष्ण की शिक्षा स्थली सांदीपनि आश्रम में विशेष सजावट की गई है। सुबह सात बजे से ही भक्त दर्शन के लिए मंदिर में आ गए थे। रात साढ़े दस बजे मुख्यमंत्री मोहन यादव भी आयोजन में शामिल होंगे। रात को महापूजा का आयोजन किया जाएगा। सोमवार को जन्माष्टमी होने से बाबा महाकाल की सवारी और कृष्ण जन्म होने से भक्तों का उल्लास दोगुना हो गया है। इस विशेष अवसर पर हरीहर मिलन का भी आयोजन होगा। उज्जैन इस्कॉन मंदिर में रात 12 बजे भगवान का अभिषेक और पूजन होगा और दिनभर भजन कीर्तन का आयोजन किया जाएगा।

पंचामृत से होगा प्रभु का अभिषेक और लगेगा माखन मिश्री का भोग

इंदौर के तीन प्रमुख और प्राचीन कृष्ण मंदिरों में जन्माष्टमी का पर्व हर्षोउल्लास से मनाया जाएगा। राजवाड़ा स्थित बांके बिहारी मंदिर में प्रभु का विशेष श्रृंगार होगा और उन्हें नई पोषाक धारण करवाई जाएगी। 233 साल पुराने यशोदा माता मंदिर में आज सुबह 6 बजे महाभिषेक और रात में महापूजा का आयोजन किया जाएगा। गोपाल मंदिर में सुबह पांच बजे भगवान का पंचामृत से अभिषेक किया गया था और रात को उन्हें माखन मिश्री और सूखे मेवे का भोग लगाया जाएगा। निपानीया स्थित इस्कॉन मंदिर में सांस्कृतिक कार्यक्रम, अभिषेक और महापूजा का आयोजन किया जाएगा।

रोहिणी नक्षत्र और सोमवार के कारण बन रहा कृष्ण जन्म जैसा शुभ योग

पंडितों के अनुसार इस वर्ष भी ठीक वैसा ही मुहूर्त बन रहा है जैसा कृष्ण जन्म के समय बना था। कृष्ण का जन्म भाद्रपद, कृष्णपक्ष, रोहिणी नक्षत्र, सोमवार और वृषभ राशि के चन्द्रमा के समय हुआ था और वैसा ही संयोग आज है जिस वजह से आज की जन्माष्टमी का महत्व बढ़ जाता है। वैष्णव और स्मार्त मत के लोग आज एक ही दिन कृष्ण का जन्मोत्सव मनाएंगे। जन्माष्टमी की पूजा का शुभ मुहूर्त रात 12 बजे से लेकर 12:44 बजे तक रहेगा।

कृष्ण जन्माष्टमी पर लड्डू गोपाल को माखन मिश्री का भोग जरूर लगाए

मान्यताओं के अनुसार नंदलाल को खीर, दूध, दही से बना पंचामृत, पेड़े, लड्डू आदि गाय के दूध से बनी मिठाई बहुत पसंद है। इनमें भी श्री कृष्ण को माखन और मिश्री सबसे अधिक प्रिय है। माना जाता है कि माखन मिश्री के भोग के बिना जन्माष्टमी का पावन पर्व अधूरा होता है। कृष्ण जन्माष्टमी पर लड्डू गोपाल को माखन मिश्री का भोग जरूर लगाया जाता है। कहा जाता है कि यदि आप जन्माष्टमी के पावन पर्व पर कृष्ण भगवान को प्रसन्न करना चाहते हैं तो माखन और मिश्री का भोग जरूर लगाएं। ऐसा करने से कृष्ण भगवान प्रसन्न होते हैं और सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।

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