लेटरल एंट्री से अभी नहीं मिलेगी कोई एंट्री, यूपीएससी में सीधी भर्ती पर लगी रोक

विज्ञापन जारी होने के बाद सभी विपक्षी दल और एनडीए की सहयोगी पार्टी एलजेपी ने किया था लेटरल एंट्री का विरोध

यूपीएससी की तरफ से 17 अगस्त को जारी लेटरल एंट्री नियुक्ति के नोटिफिकेशन को रद्द किया गया

नई दिल्ली। शनिवार को यूपीएससी द्वारा जारी विभिन्न सरकारी विभागों की भर्ती के विज्ञापन पर सियासत गरमा गई है। इस विज्ञापन में 45 पद को अनुबंध के आधार पर लेटरल एंट्री के माध्यम से भरा जाना था। यह विज्ञापन जारी होने के बाद सभी विपक्षी दल और एनडीए की सहयोगी पार्टी एलजेपी भी इसका कड़ा विरोध किया था। अब सरकार ने लेटरल एंट्री पर रोक लगा दी है। यूपीएससी से कहा गया है कि वो लेटरल एंट्री से नियुक्ति न करे। कार्मिक विभाग के मंत्री जितेंद्र सिंह ने यूपीएससी चेयरमैन प्रीति सूदन को पत्र लिखकर कहा है कि इस नीति को लागू करने में सामाजिक न्याय और आरक्षण का ध्यान रखा जाना चाहिए।

पत्र में क्या कहा गया

इस पत्र में कहा गया है कि अधिकतर लेटरल एंट्रीज 2014 से पहले की थी और इन्हें एडहॉक स्तर पर किया गया था। प्रधानमंत्री का विश्वास है कि लेटरल एंट्री हमारे संविधान में निहित समानता और सामाजिक न्याय के सिद्धांतों के समान होनी चाहिए, विशेष रूप से आरक्षण के प्रावधानों के संबंध में किसी तरह की छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए। इस पत्र में कहा गया कि सामाजिक न्याय की दिशा में संवैधानिक जनादेश बनाए रखना जरूरी है ताकि वंचित समुदायों के योग्य उम्मीदवारों का सरकारी नौकरियों में सम्मानपूर्ण प्रतिनिधित्व हो। चूंकि, ये पद विशेष हैं ऐसे में इन पदों पर नियुक्तियों को लेकर आरक्षण का कोई प्रावधान नहीं है। इसकी समीक्षा और जरूरत के अनुरूप इनमें सुधार की जरूरत है क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी का पूरा फोकस सामाजिक न्याय की ओर है।

विज्ञापन के आधार पर विपक्ष ने साधा सरकार पर निशाना

विज्ञापन जारी होने के बाद विपक्षी नेता राहुल गांधी ने बयान दिया था कि “नौकरशाहों की भर्ती में लेटरल एंट्री से अनुसूचित जाती, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग का आरक्षण छीन जाएगा।” एलजेपी नेता चिराग पासवान ने भी बयान दिया है कि “कोई भी सरकारी पद के लिए अगर नियुक्ति निकलती है तो उसमें आरक्षण के नियमों का ध्यान रखा जाना चाहिए।” जेडीयू के वरिष्ठ नेता के सी त्यागी ने कहा कि “वे लेटरल एंट्री के विज्ञापन का दुरूपयोग करेंगे, इससे राहुल गाँधी पिछड़ों के चैंपियन बन जाएंगे।” कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा “संविधान को तार-तार करने वाली भाजपा ने आरक्षण पर दोहरा हमला किया है। एक सुनियोजित साजिश के तहत, भाजपा जानबूझकर नौकरियों में ऐसी भर्ती कर रही हैं ताकि एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग को आरक्षण से दूर रखा जाए।”

क्या है लेटरल एंट्री?

लेटरल एंट्री का अर्थ बिना एग्जाम के सीधी भर्ती से है। लेटरल एंट्री के जरिए केंद्र सरकार यूपीएससी के बड़े पदों पर प्राइवेट सेक्टर के एक्सपर्ट्स की सीधी भर्ती करती है। इसमें राजस्व, वित्त, आर्थिक, कृषि, शिक्षा जैसे सेक्टर्स में लंबे समय से काम कर रहे लोग शामिल होते हैं। सरकार के मंत्रालयों में ज्वाइंट सेक्रेटरी, डायरेक्टर्स और डिप्टी सेक्रेटरी की पोस्ट पर भर्ती लेटरल एंट्री से की जाती है।

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