आरक्षण आंदोलन के चलते शेख हसीना को प्रधानमंत्री का पद छोड़ना पड़ा था
यह कोई पूर्णकालिक सरकार नहीं है, बल्कि अस्थायी तौर पर काम करेगी
पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में पिछले कुछ समय से जारी आरक्षण आंदोलन के चलते शेख हसीना को प्रधानमंत्री का पद छोड़ना पड़ा। इस्तीफे के साथ ही शेख हसीना ने देश छोड़ दिया। पूर्व प्रधानमंत्री को फिलहाल भारत में शरण मिली हैं। बांग्लादेश के सेना प्रमुख ने शेख हसीना के इस्तीफे की जानकारी देते हुए घोषणा की थी कि अंतरिम सरकार बनाई जाएगी। आंदोलन चलाने वाले छात्र नेताओं की मांग के अनुसार मंगलवार को नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस को अस्थायी सरकार की कमान सौंपी गई है।
बांग्लादेश सेना के प्रमुख वकर- उज-जमान ने मुहम्मद यूनुस के शपथ ग्रहण की जानकारी दी है। अंतरिम सरकार के कार्यवाहक के तौर पर नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस आज शपथ ग्रहण करेंगे। यह कोई पूर्णकालिक सरकार नहीं है, बल्कि अस्थायी तौर पर काम करेगी। हालांकि, इस अंतरिम सरकार को लेकर अभी कई संवैधानिक सवाल भी खड़े होने लगे हैं। पहले ऐसी सरकार चलाने के लिए संविधान में संशोधन करना पड़ गया था।
बता दें कि आरक्षण के मुद्दे पर जारी छात्र आंदोलन के बीच 5 अगस्त को प्रधानमंत्री शेख हसीना ने राष्ट्रपति को इस्तीफा देकर देश छोड़ दिया। इस बीच, सेनाध्यक्ष जनरल वकार-उज- जमान ने देश को चलाने के लिए अंतरिम सरकार के गठन की घोषणा की। बांग्लादेश के संविधान के अनुच्छेद 57 में कहा गया है कि यदि प्रधानमंत्री ने इस्तीफा दे दिया है तो कैबिनेट के दूसरे मंत्रियों, राज्य मंत्रियों और उप-मंत्रियों का भी इस्तीफा माना जाता है। इसका मतलब है कि कैबिनेट भंग हो चुकी। वहीं, मंगलवार को छात्र नेताओं ने सेना प्रमुख जमान से मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान छात्र नेताओं ने नई सरकार के प्रारूप पर चर्चा की। तमाम औपचारिकताएं पूरी करने के बाद यह घोषणा की गई कि अंतरिम सरकार के मुखिया यूनुस होंगे।
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