प्रभावित इलाकों तक सेना पहुंची, रेस्क्यू कार्य में एनडीआरएफ समेत कई टीमें लगी हुई है
लैंडस्लाइड में मरने वालों का आंकड़ा 151 हो गया है, अभी भी सैकड़ों लोग लापता है
केरल के वायनाड में हादसे के बाद राज्य में दो दिन के राजकीय शोक की घोषणा की गई है
वायनाड। केरल में देर रात आई लैंडस्लाइड की वजह से सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है। केरल के वायनाड जिले में मेप्पाडी के पास पहाड़ी इलाकों में यह घटना हुई। वायनाड में तेज बारिश के बाद हुई लैंडस्लाइड में मरने वालों का आंकड़ा अभी तक 151 हो गया है। 116 लोग अस्पताल में भर्ती हैं, जबकि 220 से ज्यादा लोगों के लापता होने की खबर है। इस प्राकृतिक आपदा के कारण सैकड़ों जानों के साथ ही लोगों के घर-बार भी तहस नहस हो गए है। वहीं, सैकड़ों लोगों के अभी भी मलवे में फंसे होने की आशंका है। स्थानीय आपदा मोचन बल के जवान राहत और बचाव कार्य चला रहे हैं। बारिश के कारण सभी को कठिन चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने एलान किया है कि इस त्रासदी में मारे गए लोगों को दो-दो लाख रुपये दिए जाएंगे।
पूरे क्षेत्र में भारी बारिश का अलर्ट
मौसम विभाग ने बुधवार को वायनाड समेत 5 जिलों मलप्पुरम, कोझिकोड, वायनाड कन्नूर और कासरगोड जिले में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है, जबकि एर्नाकुलम, इडुक्की, त्रिशूर और पलक्कड़ जिलों में यलो अलर्ट जारी किया है। हादसे के बाद राज्य में दो दिन के राजकीय शोक की घोषणा की गई है।
केरल के पूरे क्षेत्रफल का 43 फीसदी हिस्सा भूस्खलन संभावित क्षेत्र में शामिल
जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की साल 2021 की स्टडी के मुताबिक केरल के पूरे क्षेत्रफल का 43 फीसदी हिस्सा भूस्खलन संभावित क्षेत्र है। इडुकी की 74 फीसदी और वायनाड की 51 फीसदी जमीन पहाड़ी ढलानें हैं। यानी भूस्खलन की आशंका बहुत ज्यादा है। 1848 वर्ग किलोमीटर के केरल में सबसे ज्यादा ढलानी इलाका पश्चिमी घाट में हैं। यानी वायनाड, कोझिकोड, मल्लपुरम, इडुकी, कोट्टायम और पत्थन्मथिट्टा जिला। इन जिलों में सबसे ज्यादा भूस्खलन के मामले सामने आते हैं। साल 2019 में कुल मिलाकर केरल के आठ जिलों ने 80 भूस्खलन की घटनाएं देखी थीं।