रिटेल के बाद अब थोक महंगाई भी बढ़ गई है। यह लगातार चौथा महीना है, जब थोक मुद्रास्फीति बढ़ी है
जून महीने में फूड आइटम्स पर महंगाई दर जून में 10.87 फीसदी बढ़ी है, जो कि इससे पहले मई महीने में 9.82 फीसदी थी
नई दिल्ली। आम आदमी की जेब पर फिर एक बार डाका पड़ा है। अब थोक महंगाई में भी बढ़ोतरी हुई है। खाद्य वस्तुओं खासकर सब्जियों और मैन्यूफैक्चर उत्पादों के दाम बढ़ने से थोक मुद्रास्फीति जून महीने में बढ़कर 16 महीने के उच्चस्तर 3.36 प्रतिशत पर पहुंच गई। यह लगातार चौथा महीना है, जब थोक मुद्रास्फीति बढ़ी है। थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआइ) आधारित मुद्रास्फीति मई में 2.61 प्रतिशत के स्तर पर थी। जून, 2023 में यह शून्य से 4.18 प्रतिशत नीचे रही थी। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की ओर से जारी किए बयान के मुताबिक, थोक महंगाई में ये बढ़ोतरी इस महीने खाद्य पदार्थों के दाम, खाद्य पदार्थों के उत्पादन, कच्चे तेल, पेट्रोल, प्राकृतिक गैस और अन्य चीजों की कीमतों में वृद्धि की वजह से दर्ज की गई है। सरकारी आंकड़ों पर गौर करें, तो जून महीने में फूड आइटम्स पर महंगाई दर जून में 10.87 फीसदी बढ़ी है, जो कि इससे पहले मई महीने में 9.82 फीसदी थी।
सब्जियों के दाम आसमान पर
सब्जियों की कीमतों में भारी बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। सब्जियों की महंगाई दर जून में 38.76 फीसदी दर्ज की गई, जो कि मई में 32.42 फीसदी थी। इनमें प्याज की महंगाई दर 93.35 फीसदी, तो आलू पर महंगाई 66.37 फीसदी रही है। इसके अलावा दालों पर महंगाई बढ़ी है और ये उछलकर जून में 21.64 फीसदी हो गई है। नैचुरल गैस, मिनिरल ऑयल मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स की कीमतों में भी इजाफा हुआ है।
मंत्रालय द्वारा आंकड़ों के मुताबिक, जून 2024 में फ्यूल और पावर सेक्टर में महंगाई दर 1.03 फीसदी दर्ज की गई है, जबकि मेन्युफैक्चरिंग प्रोडक्ट्स पर Inflation जून में 1.43 फीसदी रही, जो कि मई महीने में 0.78 फीसदी पर थी। बता दें कि इससे पहले सरकार की ओर से रिटेल महंगाई के आंकड़े जारी किए गए थे, जो थोक महंगाई की तरह ही बढ़े थे। बीते 12 जुलाई को वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों पर नजर डालें, तो CPI जून में 5.1 फीसदी पर पहुंच गई और ये इसके चार महीने का हाई है।
क्या आरबीआई घटाएगा रेपो रेट?
महंगाई दर के आंकड़ों को ध्यान में रखकर ही आरबीआई रेपो रेट पर फैसला लेता है। अब जबकि रिटेल और थोक दोनों महंगाई दरों में इजाफा देखने को मिल रहा है, तो ऐसे में अगस्त में होने वाली RBI MPC Meeting में पॉलिसी रेट में कटौती की संभावना कम नजर आ रही है। बता दें कि केंद्रीय बैंक ने Repo Rate को 6.5फीसदी पर स्थिर रखा है।