इंदौर के श्री युग पुरुष धाम आश्रम का मामला राष्ट्रीय स्तर पर पहुंचा

आश्रम में लापरवाही और अनियमितताएं पाई गई है

आश्रम में जितने भी बच्चे थे किसी का भी वैक्सीनेशन रिकॉर्ड नहीं मिला

इंदौर। श्री युग पुरुष धाम आश्रम, इंदौर में छह बच्चों की मौत का मामला देशभर में सुर्खियों में रहा। हर जगह इस घटना की निंदा की गई। अब यह मामला राष्ट्रीय स्तर पर पहुंच गया है। प्रधानमंत्री कार्यालय और केंद्रीय महिला एवं बाल विकास विभाग की मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने एक जांच दल इंदौर भेजा है। बता दें कि इंदौर के श्री युग पुरुष धाम आश्रम में कई बच्चे एक साथ बीमार हुए थे। इनमें से छह बच्चों की मौत हो चुकी है। जांच रिपोर्ट में हैजे की बात सामने आई है। आश्रम में बच्चों को पीने के लिए गंदा पानी दिया जा रहा था और भोजन भी बहुत कम मिल रहा था।

जांच टीम की सदस्य डॉ दिव्या गुप्ता ने कहा कि अब यह मामला इंदौर का नहीं राज्य और राष्ट्रीय स्तर का हो गया है। उन्होंने कहा कि बच्चों को कितनी गंभीरता से लेना चाहिए इसे लेकर पीएम मोदी हमेशा संवेदनशील रहते हैं। उन्होंने आग्रह किया है कि इस विषय को लेकर आप पूरी तहकीकात करके आएं। जांच कर मामले की विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर सबमिट की जाएगी।

डॉ गुप्ता ने बताया कि केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने रिपोर्ट मांगी है और उनकी ओर से पीएमओ को रिपोर्ट जानी है। पीएमओ से रिपोर्ट भेजने को कहा गया है। डॉ गुप्ता ने इंदौर के सरकारी अधिकारियों पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को नियमित रूप से आश्रम जाकर जांच करना थी। इस बात को भी संज्ञान में लेना चाहिए। इस केस में हर पहलू पर बात करना होगी। राष्ट्रीय बाल आयोग की सदस्य डॉक्टर दिव्या गुप्ता ने रविवार को यह बताया कि आश्रम में जितने भी बच्चे थे किसी का भी वैक्सीनेशन रिकॉर्ड नहीं मिला है। जांच में आश्रम के अधिकांश बच्चों के पेट में कीड़े पाए गए। यह खराब पानी के वजह से हुआ है। इसके चलते कुछ बच्चों में हैजा और कुछ में एनीमिया भी मिला। आश्रम के पानी की टंकी, किचन, स्टोर सभी जगह गंदगी पाई गई थी। यहां तक की आश्रम के फ्रिज में भी गंदगी पाई गई थी। उन्होंने कहा कि आश्रम में लापरवाही और अनियमितताएं पाई गई है। अधिकारियों ने भी निरीक्षण नहीं किया जिसके कारण ऐसी स्थिति बनी।

वर्तमान में ‘युग पुरुष’ संस्था की अध्यक्ष अनिता शर्मा और सचिव तुलसी शादीजा है। यहां पर 200 से अधिक बच्चे वर्तमान में रह रहे थे। इनमें से अधिकांश बच्चे अनाथ हैं और मानसिक दिव्यांग हैं या उन्हें अन्य परेशानियां हैं। महिला व बाल विकास अधिकारी रामनिवास बुधौलिया ने कहा कि आश्रम की क्षमता 100 बच्चों को रखने की है। वहीं आश्रम संचालिका अनीता शर्मा का कहना है कि हमारे पास 200 बच्चों को रखने की अनुमति है। आश्रम में संक्रमण फैलने से 80 बच्चे गंभीर रूप से बीमार हुए और छह बच्चों की जान गई है।

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