संदीप मिश्रा, चंकी बाजपेयी। लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा के द्वारा 400 पर का नारा दिया जा रहा था वही इस नारे को सार्थक करने के लिए भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के साथ ही तमाम कार्यकर्ता लग भी गए थे लेकिन लोकसभा चुनाव में जिस तरह से परिणाम आए उसके बाद वरिष्ठ नेताओं के साथ ही कार्यकर्ताओं में भी काफी निराशा हो रही है फिलहाल लोकसभा चुनाव में अपेक्षा के अनुरूप जीत नहीं मिलने के बाद अब ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि बीजेपी बड़े बदलाव कर सकती है और इसकी शुरुआत भी हो गई है बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में स्थान मिल गया है और अब यह संभावना लगाई जा रही है कि जल्द ही जहां राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल पूरा हो जाएगा और उनकी जगह किसी नए व्यक्ति को लाया जाएगा। जेपी नड्डा को कैबिनेट मंत्री बना दिया गया है तो वहीं अब उनकी जगह संगठन के करीबी किसी व्यक्ति को राष्ट्रीय अध्यक्ष की जवाबदारी दी जा सकती है वहीं उसके बाद अब आने वाले दिनों में देश भर के कई जगहों पर बीजेपी से जुड़े हुए पदाधिकारी के दायित्व में भी बदलाव किया जा सकते हैं और इसका असर भी थोड़े दिनों बाद देखने को मिल सकता है ।
मध्यप्रदेश में भी हो सकते हैं कई बदलाव
वही लोकसभा चुनाव में जिस तरह से 29 में से 29 सीटो पर बीजेपी ने जीत दर्ज की है तो निश्चित तौर पर प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष वीडी शर्मा को भी बड़ा दायित्व मिल सकता है और उनका कार्यकाल भी फिलहाल पूरा हो चुका है जिसके चलते उन्हें बड़ा दायित्व देकर बीजेपी राष्ट्रीय स्तर पर लेकर जा सकती है और उनकी जगह पर किसी तीसरे व्यक्ति को लाया जा सकता है लेकिन वह सामान्य वर्ग का ही होगा ऐसा इसलिए क्योंकि मोदी कैबिनेट में मध्य प्रदेश के जिन नेताओं को जगह मिली है वह ओबीसी वर्ग से आते हैं तथा एक बार फिर मध्य प्रदेश भाजपा अध्यक्ष की कमान सामान्य वर्ग के कोटे में जा सकती है।
इसी के साथ नगर स्तर पर भी बदलाव देखने को मिल सकते हैं और इंदौर नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे का भी कार्यकाल पूरा हो चुका है और गौरव रणदीवे फिलहाल एक्सटेंशन पीरियड में चल रहे हैं जिसके चलते आने वाले दिनों में जिस तरह से प्रदेश स्तर और राष्ट्रीय स्तर पर बदलाव हो सकते हैं तो इंदौर शहर अध्यक्ष में भी बदलाव हो सकते हैं।
वरिष्ट नेताओं की खींचतान से होगा नए अध्यक्ष का फैसला?
इंदौर शहर अध्यक्ष को लेकर कई नाम चर्चा में भी बने हुए हैं लेकिन ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि जिस तरह से बीजेपी के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय की मध्य प्रदेश में 10 साल बाद एंट्री हुई है और उसके बाद जिस तरह से ग्रामीण क्षेत्र के नेता चिंटू वर्मा को जिला अध्यक्ष बनाया गया है, तो शहर अध्यक्ष भी कैलाश विजयवर्गीय की पसंद का हो सकता है, बता दे कैलाश विजयवर्गीय की पसंद के फिलहाल जिला अध्यक्ष चिंटू वर्मा के रूप में एक पद स्थापना हो चुकी है तथा संगठन अब किसी दूसरे नेता की पसंद को तवज्जो दे सकता है जिसमें पहली पंक्ति में खड़े हुए कई नेता जिसमें सांसद शंकर लालवानी, पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन, विधायक मालिनी गौड़ से राय लेकर इंदौर शहर अध्यक्ष को चुना जा सकता है।