उज्जैन में महामंडलेश्वर शांति स्वरूपानंद सहित 4 लोगों पर एफआईआर, अखंड आश्रम की राशि में हेराफेरी का मामला

एफआईआर दर्ज होने के बाद महामंडलेश्वर ने दी सफाई, जिन लोगों ने आरोप लगाया वह खुद आरोपी से घिरे रहते हैं

महामंडलेश्वर बोले- हम हर जांच के लिए तैयार, हाई कोर्ट का सहारा लेंगे, कुंभ नगरी में थे इसलिए न्यायालय तक अपना पक्ष नहीं रख पाए

उज्जैन। उज्जैन में चारधाम अखंड आश्रम की राशि की हेराफेरी के मामले में कोर्ट के आदेश पर एफआईआर दर्ज की गई है। महाकाल थाने में निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर शांति स्वरूपानंद महाराज, मक्सी के ख्यात ट्रस्टी महावीर प्रसाद मानसिंगा, ओमप्रकाश अग्रवाल और अशोक प्रजापत के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया है। ट्रस्ट की राशि का दुरुपयोग की शिकायत कोर्ट में की गई थी।

इंदौर निवासी फरियादी सोहिल पटेल ने बताया कि महामंडलेश्वर शांति स्वरूपानंद ने खुद को श्रीअखंड आश्रम ट्रस्ट का अध्यक्ष बताकर आश्रम के कमरों को होटल की तरह चलाने के लिए 1 जुलाई 2022 को 3 लाख प्रतिमाह किराया और कुल कमाई में 50 प्रतिशत की भागीदारी का अनुबंध पत्र बनवाया। प्रति माह हम लोग अच्छी कमाई करने लगे। जिसके बाद मेरे द्वारा 13 माह में 1 जुलाई 2022 से 30 अगस्त 2023 के बीच सेठ मुरलीधर मानसिंग यात्री निवास के नाम से खोले गए एक अलग पर्सनल फर्जी बैंक अकाउंट में 54 लाख 96 हजार 488 रुपए और अखंड आश्रम ट्रस्ट के खाते में 42 लाख जमा किए। वहीं, 40 लाख का स्थायी निर्माण भी किया।

दरअसल महाकाल लोक बनने के बाद आ रही भीड़ को देखते हुए करीब 5 से 7 लाख रुपए माह की आया शुरू हो गई। जिसके बाद इन्होंने 12 अक्टूबर 2023 को एक पत्र लिखकर अनुबंध निरस्त कर दिया। इन्होंने जिस लेटर हेड पर निरस्ती का पत्र लिख कर दिया। उसमें शांति स्वरूपानंद कार्यकारी अध्यक्ष और युग पुरुष स्वामी परमानंद जी अध्यक्ष के पद पर छपा हुआ था।

मामले में एडिशनल एसपी नितेश भार्गव ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने जांच की। कोर्ट ने सभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश किया था। शांति स्वरूपानंद महाराज, महावीर प्रसाद मानसिंगा, ओम प्रकाश अग्रवाल, अशोक प्रजापत के खिलाफ मामला दर्ज किया है। अभी और भी कहीं बिंदु है जिन पर जांच होना बाकी है।

उज्जैन, निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर शांति स्वरूपानंद सहित चार लोगों पर दर्ज हुए प्रकरण के मामले में महामंडलेश्वर ने अब अपनी सफाई दी है। महामंडलेश्वर ने कहा कि जिसने आरोप लगाया है वह खुद भी आरोपों से घिरा रहता है। वह किसी भी जांच के लिए तैयार है। आरोप झूठे हैं निराधार है। हमारा सीधा इस मामले में इंवॉल्वमेंट नहीं है। हम कुंभ नगरी में थे इसलिए न्यायालय के सामने अपना पक्ष नहीं रख सके। अब हम हाईकोर्ट जाएंगे झूठी एफआईआर को निरस्त करवाएंगे।

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