भाजपा में जैसे मध्य प्रदेश में प्रदेश अध्यक्ष की तलाश जारी है वैसे ही राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए भी चर्चा जारी है। दिल्ली चुनाव में भाजपा को मिली सफलता के बाद अब राष्ट्रीय अध्यक्ष की हलचल भी बढ़ गई है। इसी खोज में अब एक नाम की चर्चा ज्यादा होने लगी है और वो है मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान का।
भाजपा में अभी तक अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कुशा भाई ठाकरे, बंगारू लक्ष्मण, के जना कृष्णमूर्ति, एम वैंकेया नायडू, नितिन गडकरी, राजनाथ सिंह, अमित शाह और जेपी नड्डा राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे हैं। इनमें लालकृष्ण आडवाणी तीन बार और राजनाथ सिंह और अमित शाह दो-दो बार राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे हैं। हालांकि वर्तमान में जेपी नड्डा ही राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद पर बने हुए हैं।
दरअसल, अभी राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए जिन नामों की चर्चा चल रही है, उनमें केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, संगठन के खास भूपेंद्र यादव, केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर, धर्मेंद्र प्रधान, विनोद तावड़े आदि के नाम शामिल हैं। अब शिवराज सिंह चौहान का नाम भी चर्चा में शामिल हो गया है। हालांकि दक्षिण से भी कुछ बड़े नाम मैदान में हैं।
केंद्रीय मंत्री बनाए जाने के बाद शिवराज सिंह चौहान ने संसद में अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज करवाई है। आमतौर पर सरल स्वभाव के शिवराज सिंह चौहान संसद में विपक्ष के खिलाफ बेहद आक्रामक सिद्ध हुए हैं। उन्होंने सरकार पर लगने वाले आरोप का जोरदार जवाब देते हुए सरकार को भी बचाए रखा है। इसीलिए उन्हें पीएम मोदी और अमित शाह भी प्रमुखता दे रहे हैं।
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान अब राष्ट्रीय अध्यक्ष की दौड़ में शामिल हैं। केंद्र में जाने के बाद भी शिवराज लोकप्रिय नेता में शुमार हैं। वे 6-6 बार विधानसभा और लोकसभा के लिए चुने गए हैं। साथ ही चार बार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हैं। वह बचपन से आरएसएस से जुड़े और आपातकाल में जेल गए। ओबीसी वर्ग से आने वाले शिवराज 2005 में मध्य प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष भी रहे। इस लिहाज से उनकी दावेदारी बड़ी मजबूत बताई जा रही हैं।