आज से फास्टैग का नया नियम लागू, कम बैलेंस, भुगतान में देरी या फास्टैग ब्लैकलिस्ट होने पर लगेगा अतिरिक्त जुर्माना

नए नियमों का मकसद फास्टैग में दिक्कत के कारण टोल पर वाहनों की लंबी कतारों को कम करना है

नए नियमों से जुड़ी समस्याओं से बचने के लिए यह सुनिश्चित करें कि आपके फास्टैग वॉलेट में पर्याप्त बैलेंस हो

जब से फास्टैग आया है टोल पर पहले की अपेक्षा वाहनों की कतारे कम तो हुई है। लेकिन फिर भी बहुत से लोग है जो इन नियमों की अनदेखी करते थे जिसका खामियाजा सभी को उठाना पड़ता है। पर अब लोगों की नासमझी का नुक्सान उन्हें ही उठाना होगा। फास्टैग का नया नियम आज यानी 17 फरवरी से लागू होने जा रहा है। इसके तहत कम बैलेंस, भुगतान में देरी या फास्टैग ब्लैकलिस्ट होने पर अतिरिक्त जुर्माना लगेगा। इसका मकसद फास्टैग में दिक्कत के कारण टोल पर वाहनों की लंबी कतारों को कम करना और यात्रा को सुविधाजनक बनाना है।

सरकार की ओर से जारी नए नियमों के तहत अगर गाड़ी के टोल पार करने से पहले फास्टैग 60 मिनट से अधिक समय तक और टोल पार करने के 10 मिनट बाद तक निष्क्रिय रहता है, तो लेनदेन अस्वीकार कर दिया जाएगा। ऐसे पेमेंट एरर कोड 176 लिखकर रिजेक्ट हो जाएंगे। अगर वाहन के टोल रीडर से गुजरने के बाद टोल लेन-देन 15 मिनट से अधिक समय में किया जाता है, तो यूजर्स पर अतिरिक्त शुल्क लगेगा। पहले यूजर्स टोलबूथ पर ही फास्टैग रिचार्ज करके आगे जा सकते थे। अब फास्टैग पहले रिचार्ज करना होगा। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने फास्टैग इकोसिस्टम में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव जारी किए हैं, जिसका लक्ष्य टोल पेमेंट को सुव्यवस्थित करना, विवादों को कम करना और धोखाधड़ी पर अंकुश लगाना है।

नए फास्टैग नियमों से जुड़ी समस्याओं से बचने के लिए, उपयोगकर्ताओं को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके फास्टैग वॉलेट में पर्याप्त बैलेंस है। यह सुनिश्चित करने के लिए फास्टैग की स्थिति की जांच करें कि यह सक्रिय है और ब्लैकलिस्ट नहीं है, कटौती में देरी की जांच करने के लिए लेनदेन के समय की निगरानी करें और निष्क्रियता के कारण अस्वीकृति को रोकने के लिए फास्टैग की स्थिति पर भी नज़र रखें।

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