महाकाल मंदिर के लिए अब एक और नया प्रवेश द्वार, सीएम ने 25 करोड़ की लागत से रूद्र सागर पर बने ब्रिज का किया लोकार्पण 

उज्जैन। उज्जैन में महाकाल मंदिर जाने के लिए एक और नया प्रवेश द्वार खुल गया। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने शनिवार शाम को 25 करोड़ की लागत से रूद्र सागर पर बने ब्रिज का लोकार्पण किया। इसे सम्राट अशोक ब्रिज के नाम से जाना जाएगा। मुख्यमंत्री ने मानसरोवर के सामने जैसे ही नए ब्रिज का लोकार्पण किया। यहां जमकर आतिशबाजी की गई। शंख और डमरू बजाकर सीएम का स्वागत भी किया गया।

मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने शक्ति पथ से महाकाल मंदिर के मानसरोवर को जोड़ने वाले ब्रिज का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने मानसरोवर के सामने जैसे ही नए ब्रिज का लोकार्पण किया। यहां जमकर आतिशबाजी की गई। अब श्रद्धालु शक्ति पथ से सीधे महाकाल मंदिर पहुंच सकेंगे। इससे चारधाम मंदिर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए करीब डेढ़ किमी की दूरी कम हो जाएगी। इसे सम्राट अशोक ब्रिज के नाम से जाना जाएगा।

सीएम मोहन यादव ने इस मौके पर महाकाल मंदिर आने वाले सभी श्रद्धालुओं को बधाई देते हुए कहा कि महाकाल मंदिर में लगातार भक्तों की संख्या बढ़ रही है ऐसे में जरूरी हो जाता है कि भक्तों को एक और प्रवेश द्वार मिले।

वर्तमान में मंदिर पहुंच के लिए पहला रास्ता पूर्व दिशा में बेगमबाग वाला, जिसे अब नीलकंठ वन, भारत माता मंदिर पहुंच मार्ग कहा जाता है। दूसरा रास्ता पश्चिम दिशा में सरस्वती शिशु मंदिर महाकालपुरम पहुंच मार्ग से जुड़ा है। तीसरा रास्ता पश्चिम दिशा में त्रिवेणी कला संग्रहालय के सामने से श्री महाकाल महालोक के नंदी द्वार से होकर और चौथा रास्ता बड़ा रूद्रसागर तरफ सरफेस पार्किंग के सामने बने पिनाकी द्वार से होकर उपलब्ध है। पांचवां रास्ता हरसिद्धि शक्तिपीठ मंदिर चौराहे से होकर और 6वां रास्ता उत्तर दिशा में हेरिटेज धर्मशाला के समीप स्थित प्राचीन महाकाल द्वार के रूप में उपलब्ध है। ब्रिज वाला रास्ता खुल जाने के बाद मंदिर का सातवां द्वार भी खुल जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *